मामा के साथ खेला हो गया, मोहन यादवहोंगे मप्र के नए मुख्यमंत्री।
मामा के साथ खेला हो गया, मोहन यादव होंगे मप्र के नए मुख्यमंत्री। लाडली बहना जैसी योजना के बाद भी शिवराज को नहीं मिला मौका। क्या है प्रधानमंत्री की योजना?
चुनाव परिणाम आने के आठ दिन बाद आखिरकार भाजपा ने मध्य प्रदेश के लिए नए मुख्यमंत्री का चुनाव कर लिया है। राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे मोहन यादव। वे उज्जैन दक्षिणी से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री थी।
मप्र में मुख्यमंत्री की रेस में कई दिग्गज थे। कई केंद्रीय मंत्री और सांसद भी विधानसभा चुनाव लड़े और जीते। उन्होंने संसद से इस्तीफा भी दे दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद रेस में थे। चुनाव परिणाम आने के बाद भी वे राज्य में लगातार सक्रिय थे। उनकी लाडली बहन योजना की बड़ी चर्चा थी। माना गया कि मप्र में इतनी भारी जीत के पीछे महिला मतदाता हैं। वे लाडली बहन योजना से मिल रहे कैश से खुश थीं और उन्होंने ही बाजी पलट दी। सभी मान कर चल रहे थे कि भाजपा और कांग्रेस में कांटे की लड़ाई है, लेकिन परिणाम आया तो पता चला कि राज्य में भाजपा की आंधी चल रही थी। उसे राज्य में 230 सीटों में 160 सीटें मिलीं और कांग्रेस केवल 65 सीटों पर सिमट गई।
मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे इतना तय है कि 2024 लोकसभा चुनाव की कोई रणनीति है। क्या रणनीति है, यह ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता है, लेकिन संभव है मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर राज्य के यादवों को अपनी तरफ खींचने के साथ पड़ोसी राज्य उप्र की राजनीति को प्रभावित करना है।
उधर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की स्थिति अजीब हो गई है। उनके जूनियर जो कल तक उनसे मिलने का इंतजार करते थे, अब उनके मुख्यमंत्री अर्थात सीनियर हो गए हैं। हालांकि पहले से माना जा रहा है कि शिवराज सिंह केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ जाने का साहस नहीं करेंगे, फिर भी देखना होगा कि नए मुख्यमंत्री अपने कई सीनियर को किस प्रकार साधते हैं। किस प्रकार अपना नेतृत्व स्थापित करते हैं।
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