नीतीश के शपथ के 5 वें दिन ही फूट, मांझी गरजे अन्याय नहीं सहेंगे
नीतीश के शपथ के 5 वें दिन ही फूट, मांझी गरजे अन्याय नहीं सहेंगे। जीतनराम मांझी बोले हमारे दो मंत्री बबने चाहिए। झारखंड के नए मुख्यमंत्री की भी कर दी सराहना।
बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने के सिर्फ पांच दिन बाद ही एनडीए में फूट पड़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा उनकी पार्टी से दो मंत्री बनने चाहिए। इससे कम हमारे साथ अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि निर्दलीय तक को मंत्री बनाया जा रहा है। हमारी पार्टी के चार विधायक हैं और इसीलिए दो मंत्री हमारा हक है।
याद रहे कि पांच दिन बाद भी नीतीश कुमार ने न तो अपने मंत्रिमंडल का विसात्र किया है और न ही विभागों का बंटवारा किया है। समझा जाता है कि मुख्यमंत्री और भाजपा के दो उप मुख्यमंत्रियों में पेंच फंस गया है। इस बार भाजपा चाहती है कि वह बड़ी पार्टी है, इसलिए गृह विभाग उसके पास रहना चाहिए। अब तक नीतीश कुमार ने हमेशा गृह विभाग अपने पास रखा है। अब पहली बार इस मुद्दे पर भाजपा ने दबाव बनाया है। भाजपा ने पहले दिन से ही तो जेवर दिखाए हैं, उससे आसार अच्छे नहीं लग रहे हैं। अब जीतनराम मांझी ने खुलकर दावेदारी कर दी है। यहां यह भी ध्यान रखने की बात है कि राजद ने मांधी को मुख्यमंत्री तक का ऑफर दिया था।
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने भाजपा को एक और झटका दिया है। उन्होंने झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को न सिर्फ बधाई दी, बल्कि उनकी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि चंपई सोरेन गरीबों, पिछड़ों, दलितों के हक में लड़ने वाले नेता हैं। चंपई कोरेन जमीन से जुड़े नेता हैं। स्पष्ट है यह सिर्फ औपचारिक बधाई नहीं है, बल्कि इसमें राजनीतिक संकेत भी छिपे हुए हैं। राजनीतिक संकेत यह है कि वे इंडिया गठबंधन से भी एक स्तर पर रिश्ता बनाए रखना चाहते हैं। पहले खबर आ चुकी है कि राजद के साथ ही कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मांझी से संप्रक किया था।
पहले भाजपा ने तेवर दिखाए और अब मांझी ने अपने लिए न्याय की मांग कर दी है। मंत्रिमंडल का विस्तार तक नहीं हो पा रहा है। विभागों का बंटवारा नहीं हो पा रहा है। सरकार में असमंजस की स्थिति है। उधर तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि जदयू खत्म हो जाएगा। हम जो कहते हैं, वह करते हैं। तो क्या नीतीश कुमार पलटी मार कर इस बार फंस गए हैं?
झारखंड मॉडल बना, न झुका, न डरा, चंपई ने ली CM पद की शपथ