मांझी का दावा- भाजपा की सरकार बनेगी, खत्म होगी शराबबंदी
मांझी का दावा- भाजपा की सरकार बनेगी, खत्म होगी शराबबंदी। पूर्व मुख्यमंत्री के दावे से हंगामा। क्या इस दावे से महिला वोटर भाजपा से होंगी नाराज?
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के एक दावे से भाजपा को भारी नुकसान हो सकता है। मांझी ने शनिवार को दावा किया कि 2025 में बिहार में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनेगी और उसके बाद राज्य में जारी शराबबंदी को खत्म कर दिया जाएगा। इसी के साथ यह सवाल उठ गया है कि उनके दावे से भाजपा को नुकसान होगा या फायदा? खबर लिखे जाने तक भाजपा ने अपने एनडीए के पार्टनर पूर्व मुख्यमंत्री मांझी के दावे का खंडन नहीं किया है। वहीं महागठबंधन में शामिल दलों ने मांझी के दावे का विरोध किया है। कहा है कि 2025 में महागठबंधन की सरकार भारी मतों से वापस आ रही है और भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनने का सपना दिवास्पन है।
#PATNA बिहार में आएगी NDA की सरकार तो खत्म होगी शराबबंदी,शराबबंदी सफल नहीं है यदि हमारी सरकार आई तो बिहार में फिर से शराब चालू हो जाएगा बोले जीतन राम मांझी#BIHAR #jitanrammanjhi @jitanrmanjhi pic.twitter.com/pP9dNz90BI
— FirstBiharJharkhand (@firstbiharnews) December 2, 2023
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी के दावे से माना जा रहा है कि एनडीए से राज्य की महिला मतदाताएं नाराज हो सकती हैं और भाजपा को भारी नुकसान हो सकता है। जरूर कुछ लोग शराबबंदी को खत्म करने के पक्ष में हैं, जिनका भाजपा को समर्थन मिल सकता है, लेकिन व्यापक लोग शराबबंदी जारी रखने के पक्ष में हैं। हालांकि शराबबंदी को अच्छे से लागू करने में बाधाएं रही हैं और लोग चाहते हैं कि शराबबंदी पूरी तरह सही ढंग से लागू हो।
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार घोषणा कर चुके हैं कि राज्य में शराबबंदी जारी रखने को लेकर सर्वे कराया जाएगा और लोगों के विचार जाने जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शराबबंदी जारी रहेगी और इस निर्णय से पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मांझी नुंगेरी लाल के सपने देख रहे हैं।
इधर यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि क्या जीतनराम मांझी की इस संबंध में भाजपा नेतृत्व से बात हो चुकी है और भाजपा भी शराबबंदी खत्म करने पर राजी हो गई है। भाजपा नेता भी शराबबंदी के औचित्य पर सवाल उठाते रहे हैं, हालांकि अभी तक भाजपा ने आधिकारिक रूप से शराबबंदी को खत्म करने की कभी मांग नहीं की है।