‘बिहार का मुख्यमंत्री होगा मांझी की संतान’ बैनर से गरमाई राजनीति
‘बिहार का मुख्यमंत्री होगा मांझी की संतान’ बैनर से गरमाई राजनीति। जीतनराम मांझी कै बैनर से हंगामा। क्या मांझी करेंगे खेला, संकट में नीतीश सरकार?
पटना की राजनीति अचानक फिर से एक बार गरमा गई है। जीतनराम मांझी के नाम वाले बैनर से गरमा गई है। बैनर पर लिखा है कर दो हर पंचायत में एलान, बिहार में मुख्यमंत्री बनेगा मांझी की संतान। बैनर पर यह नारा देनेवाले का भी नाम है। नीचे रंजीत कुमार, राष्ट्रीय सचिव, हम (से) लिखा है। स्पष्ट है यह बैनर पार्टी के नेता द्वारा ही पटना शहर में लगवाया गया है। इस बैनर से चर्चा गरमाई ही थी कि खुद जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का भरोसा दिया था, लेकिन उन्होंने साथ नहीं दिया। अब नीतीश कुमार ने दूसरे के चक्कर में मुझे ही गठबंधन से बाहर कर दिया। जाहिर है जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार की ही आलोचना की है। इससे चर्चा गर्म हो गई है कि क्या मांझी कोई खेला करने वाले हैं। क्या वे एनडीए से अलग होंगे या उन्हें अलग करने की कोशिश हो रही है? और फिर नीतीश कुमार और भाजपा सरकार का भविष्य क्या होगा?
HAM ने सीएम की कुर्सी पर ठोका दावा: 'बिहार का मुख्यमंत्री होगा मांझी की संतान'@jitanrmanjhi @NitishKumar @samrat4bjp @BJP4Bihar pic.twitter.com/WvoFvPVsF9
— FirstBiharJharkhand (@firstbiharnews) February 23, 2024
यह भी स्पष्ट है कि जीतनराम मांझी एनडीए में खुश नहीं हैं। सरकार गठन के समय ही उन्होंने कहा था कि जब निर्दलीय तक को मंत्री बनाया जा रहा है, तो उनके तो चार विधायक हैं। इस हिसाब से दो मंत्री पद उनका हक बनता है। उन्हें दो मंत्री पद चाहिए, लेकिन अंततः नीतीश कुमार और भाजपा ने उनकी मांग को कोई तवज्जो नहीं दिया। उनकी पार्टी को सिर्फ एक ही मंत्री पद मिला। उनके पुत्र संतोष कुमार सुमन राज्य सरकार में मंत्री हैं। मांझी ने यह भी याद दिलाया था कि वे मुख्यमंत्री का ऑफर ठुकरा कर एनडीए के साथ हैं। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि मुख्यमंत्री बनने का वह ऑफर आज भी है। आज भी अगर जीतनराम मांझी फैसला लेते हैं, तो राजद उन्हें मुख्यमंत्री बनाने को सहर्ष तैयार हो जाएगा।
हालांकि अगला मुख्यमंत्री मांझी की संतान होगा, इस एलान वाले बैनर पर पार्टी के किसी अन्य नेता ने कोई टिप्पणी अभी तक नहीं की है। एनडीए के प्रमुख घटक भाजपा और जदयू की तरफ से भी कोई बयान नहीं आया है।
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