मंत्री फेल, नहीं हुई 15 अगस्त तक नियुक्ति, अभ्यर्थी परेशान
राज्य के शिक्षा मंत्री अपने वादे से फेल हो गए हैं। उन्होंने 15 अगस्त तक नियुक्तिपत्र देने का वादा किया था। इस बीच एक अभ्यर्थी की इलाज बिना मौत हो गई।
इंडिया टुडे के सर्वे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के 11 मुख्यमंत्रियों की सूची से बाहर हो गए हैं। यह यूं ही नहीं हुआ है। शिक्षक नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों ने क्या-क्या दुख नहीं सहे। बड़ी मुश्किल से काउंसेलिंग हुई। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एलान किया कि 15 अगस्त से पहले नियुक्ति हो जाएगी। आज 17 अगस्त बीत रहा है। नियुक्ति नहीं हुई। उस पर से तुर्रा यह कि मंत्री ने अब तक अपने वादे पर खरा न उतरने के लिए माफी तक नहीं मांगी। खेद तक न जताया। यह उत्तरदायित्वहीनता नहीं तो क्या है?
शिक्षक अभ्यर्थियों की परेशानी, उनका दुख कोई सुननेवाला नहीं। इस बीच धीरज नाम के अभ्यर्थी की बेहतर इलाज के अभाव में मौत हो गई। यह शर्मनाक है।
बिहार के युवा, नागरिक अपने बच्चों की शिक्षा की चिंता से ज्यादा अफगानिस्तान में जमीन का प्लाट खरीदने में व्यस्त हैं। पहले वे कश्मीर में प्लाट खरीद रहे थे। इससे फुरसत मिले, तब न बच्चों की पढ़ाई पर विचार करें।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने रोष प्रकट करते हुए कहा-बिहार 94 हजार शिक्षक बहाली में काउंसलिंग उपरांत चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने को लेकर विभाग ने एक माह और शिक्षा मंत्री जी ने 15 अगस्त तक का वादा किया था पर दोनो ही डेट फेल हो चुका है अब विभाग द्वारा दिसंबर का डेट दिया जा रहा है जिसके कारण चयनित अभ्यर्थी काफी चिंतित हैं।
सत्यमेव जयते ने ट्वीट किया- दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है बिहार की शिक्षा व्यवस्था और सिस्टम का। दो वर्षों से बेपटरी हो चुके शिक्षा को पटरी पर लाने का प्रयास होना चाहिए वहीं चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों की सार्टिफिकेट जांच के नाम पर बहाने ढूंढ़ा जा रहा है।स्कूलों में शिक्षक नहीं तो पढ़ाए गा कौन?
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ए अहमद ने कहा- हम सबके छठा चरण माध्यमिक की काउंसेलिंग 2019 में हो गई है और 2 साल पहले चयनित सूची का प्रकाशन भी हो गया, लेकिन अभी तक केवल नियुक्ति पत्र मिलने का इंतजार कर रहे हैं। अब तो इतना ऊब गये हैं कि आत्महत्या करने का मन कर रहा है।
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