CAA-NPR के खिलाफ दर्जनों संठनों ने मौलाना अनीसुररहमान कासमी को सौंपी आंदोलन की कमान
नागरिकता कानून और NPR के खिलाफ बिहार भर के 200 नुमाइंदों और अनेक संगठनों ने कोआर्डिनेशन कमेटी बना कर आंदोलन चलाने और मौलाना अनीसुर रहमान कासमी के नेतृत्व में जन आंदोलन का फैसला लिया
पटना में आयोजित इस बैठक में जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय कंवेनर अशफाक रहमान ने मौलाना कासमी का नाम प्रस्तावित किया जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया. इसके बाद मौलाना कासमी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि यह कमेटी मांग करती है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लिखित रूप से आश्वासन दें कि बिहार में NPR का मौजूदा स्वरूप लागू नहीं किया जायेगा.
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मौलाना अनीसुर रहमान कासमी इमारत शरिया के पूर्व महासचिव हैं. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय कंवेनर अशफाक रहमान ने कहा कि मौजूदा हालात इसलिए पैदा हुए हैं कि हमने अपने समाज में डॉक्टर, इंजीनियर. विधायक मंत्री और नौकरशाह तो पैदा किया है लेकिन हमने आज तक अपना पॉलिटकल लीडर पैदा नहीं किया. उन्होंने कहा कि हमें ऐसे ही चुनौतीपूर्ण समय के लिए लीडरशिप पैदा करने की जरूरत है ताकि हम अपनी हिस्सेदारी अपनी शरतों पर तय कर सकें.
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राज्यभर के विभिन्न जिलों के करीब दो सै नुमाइंदों ने इस मीटिंग में शिरकत की और एक स्वर में नागरिकता संशोधन ऐक्ट और एनपीआर के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन को जोरदार तरीके से गांव-गांव में फैलाने की वकालत की.
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, बु्द्धिजीवी, पत्रकार तथा उलेमा ने हिस्सा लिया. बाद में पत्रकारों से बात चीत करते हुए पॉलिटिकल कमेटी चेयरमैन मौलाना अनीसुर रहमान कासमी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और एनपीआर के खिलाफ आंदोलन करने वाले गैरमुस्लिम संगठनों, नेताओं और सामाजिक संगठनों के साथ मिल कर एक समन्वय समिति की रूपरेखा तय की जायेगी और इस मंच को जिला तथा ब्लॉक स्तर पर ले जाया जायेगा.
इस अवसर पर रिटार्यर्ड आईएएस अफसर एमए इब्राहिमी, सामाजिक कार्यक्रता इश्तेयाक अहमद, पटना हाईकोर्ट के वकील काशिफ युनूस, मिली काउंसिल के अनेक नुमाइंदे, सामाजिक कार्कर्ता ओबैदुर्रहमान समेत अनेक वक्ताओं ने अपनी बा रखी.