भारत के विख्यात इस्लामी स्कॉलर, इमारत शरिया के अमीर व आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी का इंतकाल हो गया है.
मौलाना वली रहमानी पिछले एक हफ्ते से पटना के एक अस्पताल के आईसीयू में इलाजरत थे.
मौलाना रहमानी पिछले आधी सदी से समाज सेवा शिक्षा व सोशल रिफार्म के क्षेत्र में सक्रिय थे. इस अवधि में मौलाना रहमानी की ख्याति भारत के अलावा मुस्लिम देशों तक थी.
कैसे और कब बीमार पड़े थे मौलाना रहमानी
78 वर्षीय ( जन्म 5 जून 1943) इमारत शरिया (Imaratshariah) के अमीर ए शरियत के साथ साथ रहमानी 30 के फाउंडर व खान्काह रहमानी, मुंगेर के सज्जादानशीं भी थे. मौालाना रहमानी आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी भी थे. मौलाना रहमानी एक प्रसिद्ध इस्लामी स्कालर के रूप में भी जाने जाते थे.
Rahmani 30 अल्पसंख्यक समाज के योग्य छात्रों को इंजीनियरिंग की कोचिंग देता है. विगत वर्षों में इस संस्थान से बड़ी संख्या में छात्र इंजीनियरिंग कालेजों में नामांकन कराने में सफल रहे है.
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दीनी व समाजी मोर्चे पर काम करने के अलावा मौलाना रहमानी एक समय में सियासत में भी काफी सक्रिय थे. वह 1974 से 1996 तक बिहार विधान परिषद के मेम्बर भी रहे.
2018 में मौलाना रहमानी के नेतृत्व में दीन बचाओ, देश बचाओ रैली का आयोजन पटना के गांधी मैदान में किया गया था. इस रैली में, एक अनुमान के मुताब दस लाख लोगों की भागीदारी हुई थी. बताया जाता है कि गांधी मैदान के इतिहास में इतनी भीड़ कभी नहीं देखी गयी.
मौलाना रहमानी के अचानक पिछले दिनों कोरोना पोजिटिव हो गये थे.
बिहार सरकार ने मौलाना वली रहमानी की आखिरी रसूमात राजकीय सम्मान के साथ अदा करने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रहमानी की मौत पर संवेदना व्यक्त की है. नीतीश ने कहा कि उनके इंतकाल से वह व्यक्तिगत तौर पर दुखी हैं.