Maulvi Ahmadullah Shah: ऐसा स्वतंत्रता सेनानी जिनके नाम से ही अंग्रेजी हुकूमत कांप उठती थी.
मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैजाबादी ( Maulvi Ahmadullah Shah) एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिनके नाम से ब्रिटिश हुकूमत घबराती थी. उनका जन्म 1787 में मद्रास में हुआ था.
अपने आध्यात्मिक ज्ञान के कारण उन्हें मौलवी की उपाधि मिली थी. मौलवी अहमदुल्लाह मार्शल आर्ट के भी मर्मज्ञ थे. उन्होने ईरान, इरान, मक्का, मदीना और ब्रिटेन की यात्रायें की थीं.
यह भी पढ़ें- बेगम निशातुन निशा मोहानी: पूर्ण स्वराज अवधारणा की प्रमुख हस्ती व स्वतंत्रता सेनानी को जानिए
सैयद फुरकान अली शाह के समपर्क में आने के बाद, मौलवी अहमदुल्लाह शाह का झुकाव सूफी परम्परा की तरफ हुआ.
Maulvi Ahmadullah Shah के सर पर था 50 हजार का इनाम
सैयद फुरकान अली शाह एक महान सूफी थे और कादरिया सिलसिले के थे. सैयद फुरकान अली शाह ने कादरिया सिलसिले के प्रचार-प्रसार के लिए मौलवी अहमदुल्लाह को ग्वालियर भेजा था. वहां उन्होंने इसी दौरान राष्ट्रवादी आंदोलन से भी जुड़े. इसी दौरान मौलवी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा लेना शुरू किया.
जब 1857 में गदर की शुरुआत हुई तो मौलवी अहमदुल्लाह शाह ने ईस्ट इंडिया कम्पनी के खिलाफ खुल कर लड़ाई में हिस्सा लिया. अवध की बेगम हजरत महल, रोहिलखंड के खान बहादुर और मुगल राजकुमार फिरोज शाह के साथ मिल कर उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ काफी काम किया. ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सक्रिय होने के कारण अंग्रेजों ने उनके सर पर पचास हजार रुपये का इनाम भी रखा था.
जब 1857 में गदर की शुरुआत हुई तो मौलवी अहमदुल्लाह शाह ने ईस्ट इंडिया कम्पनी के खिलाफ खुल कर लड़ाई में हिस्सा लिया. अवध की बेगम हजरत महल, रोहिलखंड के खान बहादुर और मुगल राजकुमार फिरोज शाह के साथ मिल कर उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ काफी काम किया. ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सक्रिय होने के कारण अंग्रेजों ने उनके सर पर पचास हजार रुपये का इनाम भी रखा था.
यह भी पढ़ें- रहमतुल्लाह मोहम्मद सयानी: स्वतंत्रता आंदोलन के नायक जो अंतर्धारमिक सौहार्द का प्रतीक थे
पोयेन के राजा ने इनाम के लालच में मौलवी अहमदुल्लाह शाह का कत्ल करवा दिया और अंग्रेजों से इनाम हासि कर लिया.
मौलवी अहमदुल्लाह शाह एक भूले बिसरे स्वतंत्रता सेनानी के रूप में आज भी हमारी स्मृतियों में जीवित हैं.