मई दिवस पर क्या नीतीश सोनू सूद की एक सलाह मानेंगे?
मई दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री का संदेश मीडिया में पहुंच चुका है। सोनू सूद ने मजदूरों के लिए बड़ा सवाल उठाया है। क्या नीतीश सूद की सलाह मानेंगे?
सोनू सूद को कौन नहीं जानता। वे लगातार कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए अपने स्तर पर सक्रिय हैं। मई दिवस से एक दिन पहले उन्होंने सभी राज्य सरकारों, संस्थाओं से एक मार्मिक अपील की है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण हर राज्य में हजारों लोगों की मौत हो रही है। इनमें ऐसे परिवार भी हैं, जिनका कमाने वाला नहीं रहा। घर के ऐसे सदस्य की मौत हो गई, जो पूरे परिवार का भरण पोषण करता था।
सोनू सूद ने एक वीडियो संदेश में कहा कि ऐसे परिवार जिनका कमानेवाला नहीं रहा, उनके बच्चे क्या खाएंगे, उनकी आगे की पढ़ाई कैसे होगी, यह सोच कर बहुत चिंता होता है। उन्होंने सभी सरकारों से निवेदन किया कि जिन परिवारों का भरण-पोषण करनेवाला कोरोना का शिकार हो गया, सरकार और विभिन्न संस्थाएं ऐसा उपाय करे, ताकि इन परिवारों को किसी के आगे हाथ न पसारना पड़े।
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उन्होंने यह भी अपील की कि ऐसे परिवारों के बच्चों की पढ़ाई न छूटे, इस पर सोचना होगा। सरकारों को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि ऐेसे बच्चों की पढ़ाई, चाहे वे भविष्य में जहां तक पढ़ना चाहें, मुफ्त में होनी चाहिए। ऐसे परिवारों को तुरत आर्थिक मदद की भी दरकार है। सरकारों को चाहिए कि वे ऐसी व्यवस्था करें, ताकि इन परिवारों को खाने-पीने की दिक्कत न हो। कई ऐसे परिवार हैं, जहां पति-पत्नी दोनों की मौत हो गई और बच्चे अनाथ हो गए हैं। उनके बारे में भी सोचना होगा। क्या बिहार के मुख्यमंत्री मजदूर दिवस पर इन अनाथ बच्चों, परिवारों के लिए कोई घोषमा करेंगे?
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बिहार में शिक्षकों सहित कई ऐसे कर्मी हैं, जिन्हें वेतन नहीं मिल पा रहा है। उनके बारे में भी विचार करना चाहिए। ऐसे परिवारों के लिए मई दिवस की सूखी शुभकामना से उनके जीवन का कष्ट कम नहीं होगा।