एबीपी न्यूज चैनल के प्रबंध सम्पादक पद से अचानक हटने के बाद मिलिंद खांडेकर कुछ बोलने के बजाये अपने एक्शन से मुंहतोड़ जवाब देने वाले हैं. न्यूज चैनल छोड़ने के बाद उन्होंने पहली बार मुंह खोला है और कहा है कि आपके काम की गूंज आपके शब्दों से ज्यादा सुनी जाती है.
नौकरशाही मीडिया
मालूम हो कि खांडेकर ने पिछले हफ्ते अचानक एबपी न्यूज चैनल के प्रबंध सम्पादक का पद छोड़ना पड़ा था. इसके बाद इसी चैनल के मास्टर स्ट्राक के प्रस्तोता पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भी चैनल छोड़ दिया था. इसके बाद देश भर में यह घटना सुर्खियों में आया था. कांगेस व अन्य राजीतिक दलों ने इसे मोदी सरकार द्वारा डराये जाने का परिणाम बताया था. पुण्य प्रसून बाजपेयी के कार्यक्रम मे, पीएम मोदी जी के उस दावे की धज्जी उड़ाई गयी थी, जिसमें छत्तीसगढ़ की चंद्रमणि कौशिक नामक महिला की कृषि आय दुगुनी होने की बात कही गयी थी. कहा जाता है कि खांडेकर पर दबाओ था कि वह इस खबर को नहीं दिखायें. लेकिन उन्होंने किसी दबाव में आने से इनकार कर दिया था.
इधर इस मामले पर पुण्य प्रसून बाजपेयी भी को सीधी प्रतिक्रिया देने से बचते रहे हैं, लेकिन उन्होंने भी इशारा किया है कि उनकी धारदार पत्रकारित आगे भी जारी रहेगी.
एक अगस्त को मिलिंद ने अपने ट्विटर हैंडल से सूचना दी थी कि 14 वर्ष आठ दिन की यात्रा के बाद के बाद अब समय आ गया है कि आगे बढ़ा जाये. आज प्रबंध सम्पादक के रूप में आखिरी दिन है. उसके बाद से अब तक मिलिंद ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. आज यानी 6 अगस्त को मिलिंद ने ट्विट कर लिखा कि काम की गूंज आपके शब्दों से ज्यादा होती है.
इससे पहले मिलिंद ने कमर वहीद नकवी के ट्विट को रिट्विट किया था जिसमें नकवी ने मिलिंद की साहसिक पत्रकारिता की तारीफ की थी.
मिलिंद के इस कथन के अनेक मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि अब भी स्पष्ट नहीं है कि उकनी अगली रणनीति, अगला पड़ाव क्या होगा. लेकिन इतना तो तय है कि सोशल मीडिया पर उनके काम को जितनी सराहना मिली है, वह उसी ट्रेडिशन को आगे भी जारी रखेंगे और अपने काम का प्रभाव दिखायेंगे.