राजद सांसद मीसा भारती ने ऐसी बात कह दी कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और भाजपा परेशानी में पड़ गई है। उन्होंने समाजवादी पार्टी का समर्थन करके विपक्षी एकता को नई धार भी दे दी। भाजपा ने सोचा था कि समाजवादी पार्टी तथा राजद सांसद मीसा भारती को फंसा देंगे, लेकिन अब डीएमके ने भी मीसा भारती तथा समाजवादी पार्टी का समर्थन कर दिया। इसके बाद भाजपा अकेली पड़ गई है।
दरअसल समाजवादी पार्टी के दलित सांसद आरके चौधरी ने संसद से सेंगोल को हटाने की मांग कर दी। उन्होंने कहा कि सेंगोल सामंती और राजशाही का प्रतीक है। वह लोकतंत्र का प्रतीक नहीं है। सोंगोल की जगह संविधान रखा जाना चाहिए। इसके बाद राजद सांसद मीसा भारती ने समाजवादी सांसद का समर्थन कर दिया। उन्होंने कहा कि सेंगोल की जगह संसद में नहीं होनी चाहिए। उसे म्यूजियम में रखा जाना चाहिए। इसके बाद भाजपा आक्रामक हो गई। उसे लगा कि वह सपा और राजद को घेर लेगी। उसने तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके से कहा कि देखिए आपके इंडिया गठबंधन वाले तमिलनाडु की संस्कृति का अपमान कर रहे हैं। भाजपा को भरोसा था कि सेंगोल मामले में इंडिया गठबंधन में फूट पड़ जाएगी। याद रहे सेंगोल को तमिलनाडु से ही लाया गया था, जिसे कई पुजारियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में स्थापित किया था।इसके बाद थोड़ी देर में ही डीएमके का भी जवाब आ गया। पार्टी के नेता टीकेएस एलानगोवल ने साफ-साफ कह दिया कि सेंगोल को संसद से हटा देना चाहिए। वह राजतंत्र का प्रतीक है। इसके बाद भाजपा की बोलती बंद हो गई है।
———–
तेजस्वी के एक दांव से कुशवाहा राजनीति का महत्व बढ़ा
उधर मीसा भारती का वीडियो वायरल है, जिसमें वे कह रही हैं कि सांमती प्रतीक सेंगोल की जगह संसद में नहीं, म्यूजियम में है। माना जा रहा है कि सेंगोल को हटाने की मांग डॉ. आंबेडकर के बराबरी तथा न्या के सिद्धांत से प्रेरित है, जबकि सेंगोल न्याय नहीं, राजदंड का प्रतीक है।
भाजपा से भिड़ गए पप्पू, लोकसभा में गूंजा बिहार को विशेष दर्जा