ML महाधिवेशन की तैयारी : MLA आवास बना वर्कशॉप

CPI-ML की 15 फरवरी को पटना में रैली तथा 16 फरवरी से शुरू हो रहे महाधिवेशन की तैयारी जोरों पर है। MLA आवास बना वर्कशॉप। स्मारिका का लोकार्पण।

CPI-ML का 11 वां महाधिवेशन 16 फरवरी से पटना में शुरू होने जा रहा है, जो 29 फरवरी तक चलेगा। उससे पहले 15 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में रोली होगी। दोनों कार्यक्रमों में देशभर के माले नेता पटना पहुंचेगे। विभिन्न दलों के नेता भी अतिथि के रूप में आमंत्रित हैं। महाधिवेशन की तैयारी में सैकड़ों कार्यकर्ता दिन-रात लगे हैं। माले विधायक दल के नेता महबूब आलम का विधायक आवास अस्थाई वर्कशॉप बन गया है, जहां दिन-रात कार्यकर्ता झंडा-बैनर, पोस्टर तैयार कर रहे हैं।

भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बुधवार को एक स्मारिका का लोकार्पण किया। इस अवसर पर महाधिवेशन की स्वागत समिति के अध्यक्ष इतिहासकार प्रो. ओपी जायसवाल, स्वदेश भट्टाचार्य, संतोष सहर, पटना वि.वि. इतिहास विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. भारती एस कुमार, भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, धीरेन्द्र झा, रामजी राय, प्रो. संतोष कुमार सहित पटना के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि भाकपा-माले का यह 11 वां महाधिवेशन और 15 फरवरी की रैली हर लिहाज से ऐतिहासिक होने जा रहा है। महाधिवेशन में 2 हजार से ज्यादा प्रतिनिधि, पर्यवेक्षक और अतिथि भाग लेंगे. कई देशों से फैटरनल प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।

स्मारिका

स्मारिका में बिहार में सदियों से जारी अन्याय व उत्पीड़न के खिलाफ जारी संघर्ष और आधुनिक बिहार के इतिहास में उन अनेकानेक प्रगतिशील अध्यायों को गर्व के साथ याद किया गया है जिसने इस राज्य में कम्युनिस्ट व सोशलिस्ट आंदोलनों का जीवंत गढ़ बना दिया. भूमिका में माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने लिखा है कि स्मारिका के जरिए उन नेताओं और शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं जिन्होंने बिहार में कम्युनिस्ट आंदोलन को मजबूत नींव और लोकप्रिय चरित्र प्रदान किया है.

स्मारिका 8 खंडों में विभाजित है. इसकी शुरूआत बिहार में संघर्ष की ऐतिहासिक परंपरा पर प्रो. ओपी जायसवाल के लेख से होती है. भाकपा-माले के ऐतिहासिक दस महाधिवेशन को याद किया गया है जो पार्टी के विकास की विभिन्न मंजिलों के द्योतक हैं. यह लेख पार्टी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय शिक्षा विभाग के प्रभारी अरिंदम सेन ने लिखी है.
इसके बाद आधुनिक बिहार में ऐतिहासिक संघर्ष की गौरव गाथा के अध्याय शुरू होते हैं. स्मारिका स्मारिका का संपादन समकालीन लोकयुद्ध के संपादक व केंद्रीय कमिटी के सदस्य संतोष सहर ने किया है. संपादन सहयोग में सुधीर सुमन, कुमार परवेज और संतलाल शामिल रहे हैं. आंदोलन के सूत्रधार के बतौर बिहार में सामाजिक बदलाव के ऐतिहासिक संघर्ष के सूत्रधारों स्वामी सहजानंद सरस्वती, मास्टर जगदीश, का. सुब्रत दत्त, काॅ. विनोद मिश्र और काॅ. रामनरेश राम को याद किया गया है. संघर्ष का क्षितिज नामक अध्याय में सोशलिस्ट व वामपंथी नेताओं – कार्यानंद शर्मा, जेपी, नक्षत्र मालाकार, इंद्रदीप सिन्हा, जगन्नाथ सरकार, तकी रहीम, मधु लिमये, जगदेव प्रसाद, कर्पूरी ठाकुर, गणेश शंकर विद्यार्थी से लेकर रामजतन शर्मा, पवन शर्मा और रामदेव वर्मा को – याद किया गया है.

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By Editor


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