लालू की स्वीकृत योजना का भी PM ने कर दिया लोकार्पण

लालू की स्वीकृत योजना का भी PM ने कर दिया लोकार्पण। राजद ने कहा जिस रेल दोहरीकरण का लोकार्पण किया, उस पर काफी दिनों से दौड़ रही ट्रेन।

फाइल फोटो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बिहार दौरे पर शनिवार को जिन योजनाओं का लोकार्पण किया, उस पर विवाद खड़ा हो गया है। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस रेल दोहरीकरण का लोकार्पण किया, उसकी स्वीकृति तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने दी थी। इसका निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है और इस पर ट्रेनें दौड़ रही हैं। राजद प्रवक्ता ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने उस सड़क का भी लोकार्पण कर दिया, जो अभी बनी ही नहीं है।

राजद प्रवक्ता गगन ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि बिहारवासियों को उम्मीद थी कि आज जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मंच शेयर करेंगे तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की घोषणा होगी, पर बिहारवासियों को निराशा हाथ लगी और उनकी यात्रा पिछली यात्राओं के समान मात्र चुनावी स्टंट बन कर रह गई। अपने पिछले दौरे में भी प्रधानमंत्री द्वारा लम्बी -चौड़ी घोषणाएं होती रही हैं जो अबतक केवल जुमलेवाजी ही साबित होती रही है। हकीकत यह है कि प्रधानमंत्री द्वारा जिस सड़क का लोकार्पण किया गया वह अभी बनी ही नहीं है। जिस हाजीपुर -बछबाड़ा और हाजीपुर – मुजफ्फरपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण का लोकार्पण किया गया, उसका निर्माण तो काफी पहले हो चुका है और इस योजना की स्वीकृति लालू प्रसाद के रेलमंत्रित्व काल में ही हुआ था।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की बिहार यात्रा सम्बन्धी विज्ञापन में मोदी जी की गारंटी के साथ ‘विकसित बिहार’ की बात कही गई थी पर उनके कार्यक्रम में बिहार के महामहिम राज्यपाल महोदय और मुख्यमंत्री की उपस्थिति में बिहार को एक तरह से अपमानित हीं किया गया है। बिहार की धरती पर आकर जिन योजनाओं का उद्घाटन, समर्पण, शिलान्यास और भूमि-पूजन किया गया है उसमें से अधिकांश हरियाणा, पंजाब, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों के थे। यह बिहार के साथ बहुत बड़ा मजाक है।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि दरअसल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की ‘जन विश्वास यात्रा’ को मिले भारी जनसमर्थन और महागठबंधन द्वारा आयोजित कल के ‘जन विश्वास महारैला ‘ से भाजपा काफी घबरा गई है और आनन-फानन में बिहार बुलाकर उन योजनाओं का शिलान्यास , लोकार्पण, भूमि-पूजन और उद्घाटन कराया गया है जिसका कोई सम्बन्ध बिहार से है ही नहीं। औपचारिक तौर पर बिहार की दो-तीन ऐसी योजनाओं को शामिल कर लिया गया है जो या तो पूर्ववर्ती सरकार की है या अभी तक बना ही नहीं है। समय आने पर बिहार की जनता इस अपमान का बदला लेगी।

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