Modi Budget : नीतीश पूरब, तो उपेंद्र कुशवाहा पश्चिम चले
Modi Budget से इस बार थाली-ताली बिरादरी भी खुश नहीं है। छोटे व्यापारी, मजदूर, किसान और युवा निराश हैं। लेकिन पता नहीं क्यों नीतीश कुमार खुश हैं।

कुमार अनिल
बिहार की राजनीति को समझना आसान नहीं है। आज केंद्रीय बजट पर जदयू और भाजपा नेता एक दूसरे के खिलाफ खड़े हैं, यह तो कुछ समझा जा सकता है, लेकिन जदयू के भीतर ही कोई पूरब, तो कोई पश्चिम जा रहा है।
उपेंद्र कुशवाहा सुलझे हुए नेता हैं। कम बोलते हैं और जो भी बोलते हैं, सोच समझकर बोलते हैं। उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल के दिनों में कई मौकों पर टेंपर लूज करते दिखे हैं, फिर भी वे भी सोच-समझकर बोलनेवाला नेता ही हैं। आज केंद्रीय बजट पर नीतीश कुमार पूरब तो उपेंद्र कुशवाहा पश्चिम चलते दिखे। चूंकि दोनों गंभीर नेता हैं, इसलिए माना जाना चाहिए कि दोनों ने सोच-समझकर ही बयान दिया है। तो दोनों के बयान के विरोधाभासी होने का क्या मतलब हो सकता है?
उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट करके बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने पर बजट को निराशाजनक बताया। उन्होंने एक बात और कही। कहा कि यह बजट विकसित राज्यों के अनुकूल है, पर बिहार जैसे पिछडे राज्यों को निराश करनेवाला। तो क्या उपेंद्र कुशवाहा ने भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखकर बयान दिया और नीतीश कुमार की नजर सिर्फ वर्तमान तक सीमित है?
बिहार के युवाओं ने रोजगार के सवाल पर जिस तरह उग्र प्रदर्शन किया और जितनी बड़ी संख्या में वे सड़कों पर उतरे, उससे कोई भी समझ सकता है कि बिहार भीतर-भीतर सुलग रहा है। फिलहाल बिहार का सिर्फ एक हिस्सा सड़क पर आया, अन्य हिस्से अब भी परेशान हैं, पर आंदोलित नहीं हैं। जिस दिन युवाओं के साथ अन्य हिस्से आंदोलित होंगे, उस दिन क्या होगा, इसकी थोड़ी कल्पना की जा सकती है। तो क्या उपेंद्र कुशवाहा अपनी भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखकर मोदी बजट के खिलाफ खड़े हो गए?
न्यूज एजेंसियों से मिल रही खबरों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बजट की सराहना की है। उन्होंने इसे सकारात्मक बताया है। मालूम हो कि नीतीश कुमार यूपी चुनाव में पार्टी का प्रचार करनेवाले हैं। वे उस प्रचार में खुद को भाजपा से अलग कैसे दिखाएंगे, यह देखनेवाली बात होगी। लेकिन इतना तय है कि उनकी नजर युवाओं के रोजगार पर नहीं है। वे यह नहीं बता पाए कि इस बजट से बिहार जैसे प्रदेश में कैसे रोजगार सृजित होंगे। छोटे व्यापारी परेशान हैं, उनकी हालत कैसे सुधरेगी यह भी नहीं बताया। वैसे वे छह महीना पहले कह चुके हैं कि यह चुनाव उनका अंतिम चुनाव है।
उधर भाजपा के एक मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि भाजपा इस बजट से खुश है, भले ही जदयू के नेता नाराज हों।
नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा दोनों फिलहाल विपरीत दिशा में जाते दिख रहे हैं। अंजाम क्या होगा, इसके लिए कुछ दिन इंतजार करना पड़ेगा।
New Course : जाति व्यवस्था वंचित नहीं करती, यह ‘समावेशी’ है