मोदी बजट : यूपी चुनाव में अखिलेश हुए मजबूत, BJP में सन्नाटा
मोदी बजट से यूपी चुनाव में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी का गठबंधन मजबूत हुआ है। इसकी तीन बड़ी वजहें हैं। वहीं BJP के ट्विटर हैंडल में सन्नाटा पसरा।
आज केंद्रीय बजट पेश हो गया। लगता है उत्तर प्रदेश भाजपा को इसमें अबतक ऐसा कुछ नहीं मिला, जिसे लेकर वह सोशल मीडिया में शोर मचाए। यूपी भाजपा ने बजट पर कोई ट्वीट नहीं किया है। पांच घंटे बाद मुख्यमंत्री का एक वीडियो जारी हुआ है। बस। आश्चर्यजनक रूप से महंगाई तक का पक्ष लेनेवाली थाली-ताली कम्युनिटी भी आज सोशल मीडिया से गायब है। #Budget2022 पहले नंबर पर ट्रेंड कर रहा है, लेकिन इसमें विरोध की आंधी चल रही है।
मोदी बजट में तीन ऐसी खास कमजोरियां हैं, जिससे यूपी चुनाव में भाजपा की हालत पहले से ज्यादा खराब होगी, तथा अखिलेश यादव-जयंत चौधरी का गठबंधन मजबूत होगा।
पहली बात, बजट में किसानों को दी जानेवाली एमएसएपी की राशि कम कर दी गई है। दूसरी बात, मनरेगा के लिए आवंटन कम कर दिया गया है और तीसरी खास बात यह कि इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे रोजगार मिलने की संभावना बढ़ती हो।
मोदी बजट में किसानों को दी जानेवाली एमएसपी की राशि को कम कर दिया गया है। किसानों के हक की आवाज उठानेवाले इंजीनियर रमणदीप सिंह मान ने ट्वीट किया-आज #Budget2022 के द्वारा में मोदी सरकार ने साफ़ कर दिया है, की किसानों की एक मुख्य मांग, जो की हर किसान को MSP मिलने की है, पर कोई काम नहीं होगा 2020-21 का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी का बजट : Rs.2.48 लाख करोड़ इस साल का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी का बजट: Rs.2.37 लाख करोड़।
सामाजिक कार्यकर्ता साकेत कुमार यादव ने मनरेगा मजदूरों की राशि के बारे में जानकारी दी। बताया-मनरेगा के बजट में 25 हजार करोड़ की कटौती, खाद्य-सब्सिडी में 80 हजार करोड़ की कटौती, और किसानों के लिए उर्वरक सहायता कोष में 35 हजार की कटौती.!
और तीसरी बात बजट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ें। इधर, शोसल मीडिया में में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट को लेकर भाजपा पर करारा हमला किया। कहा-काम-कारोबार सब हुआ चौपट…ऐतिहासिक मंदी,लाखों की नौकरी कर गयी चट…आम जनता की आमदनी गयी घट…बेकारी-बीमारी में बैंकों में जमा निकली सारी बचत…अब लोगों की जेब काटने के लिए आया भाजपा का एक और बजट… उप्र से भाजपा के दुखदायी युग का अंत शुरू हो रहा है! यूपी कहे आज का- नहीं चाहिए भाजपा।
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