CAA पर विरोध से केंद्र का बदला सुर एक नागरिक हुआ प्रभावित तो बदल देंगे कानून
CAA यानी नागरिकता कानून पर देशव्यापी विरोध के दबाव में केंद्र का सुर बदलता दिख रहा है.गृहराज्य मंत्री ने कहा है कि अगर इससे एक नागिरक भी प्रभावित हुआ तो कानून बदलने को तैयार हैं.
नौकरशाही मीडिया
दि हिंदू की खबर के अनुसार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि देश के 130 करोड़ नागरिकों में से अगर एक पर भी अगर नागरिकता संशोधन कानून का विपरित असर पड़ा तो हम कानून बदलने को तैयार हैं. रेड्डी ने कहा कि सरकार को इस बात का अनुमान नहीं था कि CAA के मामले में इतनी अफवाह फैलाई जायेगी. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को इस पर चिंतित होने की जरूरत नहीं है.
उन्होने कहा कि प्रधान मंत्री ने साफ कह दिया है कि एनआरसी की चर्चा कभी कैबिनेट में हुई ही नहीं. जहां तक एनपीआर की बात है तो इस में किसी को कोई कागज पेश करने की जरूरत ही नहीं है.
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मुसलमानों के बहाने मूलनिवासी बहुजनों को गुलाम बनाने का षड्यंत्र है NRC
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ऐसा लगता है कि नागरिकता कानून और एनआरसी पर गृहमंत्री अमित शाह की विश्वसनीयता पर लगातार उठ रहे सवालों के बाद केंद्र सरकार ने अब गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी को को सामने करके मामले को तूल देने से रोकना चाहती है.
क्योंकि गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के अंदर और संसद के बाहर बार बार कह चुके हैं कि उनकी सरकार देश भर में एनआरसी लागू करेगी और घुसपैठिये को निकालेगी. जबकि प्रधान मंत्री ने राम लीला मैदान में आयोजित समारोह में साफ कहा था कि एनआरसी पर 2014 से अब तक कभी कैबिनेट में इस पर एक बार भी चर्चा तक नहीं हुई.
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सुनो 20 करोड़ मुसलमानो! वादा करो हम NRC में नाम दर्ज नहीं करायेंगे, वे हमें देश से निकाल कर दिखायें
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मोदी के कथन के बाद लोगों ने यह सवाल उठाना शुरू कर दिया था कि केंद्र को स्पष्ट करना चाहिए कि एनआरसी के मामले में अमित शाह झूठ बोल रहे हैं या खुद पीएम नरेंद्र मोदी.
ऐसे में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी का ताजा बयान से अब साफ हो गया है कि केंद्र सरकार नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में चल रहे आंदोलन से काफी दबाव में है.
आप को याद दिला दें कि आज ही सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा है कि नागरिकता कानून के मद्देनजर देश काफी अशांत है. सरकार को शांति बहाल करने के प्रयास करने चाहिए.