मोदी का मंदिर बनाया, कम न हुई महंगाई, फिर प्रतिमा गायब

मोदी का मंदिर बनाया, कम न हुई महंगाई, फिर प्रतिमा गायब

महाराष्ट्र में एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंदिर बनाया, उनकी प्रतिमा स्थापित की, लेकिन कम न हुई महंगाई, फिर प्रतिमा गायब।

जन प्रतिनिधि को भगवान बना देने से नेता को लाभ ही लाभ है, उसकी कुर्सी निरापद रहती है, लेकिन अंधविश्वासी जनता दुख भोगने को विविश होती है। मजेदार बात यह है कि दुख भोगकर भी वह अपने ‘भगवान’ की जय-जयकार करती है।

ताजा मामला महाराष्ट्र का है। यहां पुणे में एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंदिर बनवाया। राजस्थान से प्रतिमा बनवाई और स्थापित किया। लोगों को उम्मीद थी कि उनका मंदिर बनने से पेट्रोल की कीमत कम हो जाएगी, महंगाई कम हो जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। इस बीच मंदिर से मोदी की प्रतिमा गायब हो गई।

द हिंदू की खबर के अनुसार पुणे के भाजपा कार्यकर्ता 37 वर्षीय मयूर मुंडे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंदिर बनवाया। मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी की आवक्ष प्रतिमा ( अर्ध प्रतिमा) स्थापित की। मुंडे ने तब कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के कारण देश में बहुत विकास हुआ है। राममंदिर बन रहा है। तीन तलाक खत्म हो गया है और धारा 370 भी।

मंदिर में प्रधानमंत्री की अर्धप्रतिमा राजस्थान से बनवाई गई। इसपर 1.6 लाख रुपए खर्च हुए। मोदी की प्रतिमा स्थापित होने की खबर शहर में फैल गई। इसके बाद लोग देखने पहुंचने लगे।

एनसीपी के नगर अध्यक्ष प्रशांत जगतप भी अनेक कार्यकर्ताओं के साथ देखने पहुंचे। प्रशांत ने कहा कि हल्ला था कि मोदी मंदिर बनने से महंगाई कम हो जाएगी, पेट्रोल की कीमत कम हो जाएगी, इसीलिए हम भी देखने आए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं। किसी प्रतिनिधि के प्रति ऐसी अंधभक्ति वैचारिक दिवालियापन है।

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पत्रकारों ने मंदिर बनाने वाले मयूर मुंडे से संपर्क की कोशिश की, पर वे नहीं मिले। मुंडे से संपर्क नहीं होने के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि मुंडे ने प्रतिमा क्यों हटाई या किसी दूसरे व्यक्ति ने हटा दी।

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