मोदी का समर्थन करनेवाले 27 नौकरशाहों के चेहरे भी होंगे बेनकाब
पीएम मोदी के समर्थन में 27 पूर्व नौकरशाह सामने आ गए है। राष्ट्रपति को पत्र लिखकर पीएम की सुरक्षा में चूक के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेवार बताया।
देश के 27 पूर्व आईपीएस अधिकारियों ने पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘सुरक्षा में चूक’ को पंजाब सरकार की विफलता बताया। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पता चलता है कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति कितनी खराब है। पत्र में इस चूक को देश में लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक बताया गया है। राष्ट्रपति को पत्र लिखने वाले इन 27 आईपीएस अधिकारियों में 20 अधिकारी विभिन्न राज्यों के पुलिस प्रमुख रह चुके हैं। इनमें पंजाब के पूर्व डीजीपी पीसी डोगरा तथा महाराष्ट्र के पुलिस प्रमुख रह चुके प्रवीण दीक्षित शामिल हैं।
पत्र में वही कुछ कहा गया है, जो भाजपा नेता कह रहे हैं। पत्र में कहा गया है कि यह इलाका पाकिस्तान से सटा है, इसलिए मामला ज्यादा गंभीर है।
इन अधिकारियों ने तथाकथित सुरक्षा में चूक मामले में गृह मंत्रालय, एसपीजी आदि को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। यह भी नहीं कहा है कि प्रधानमंत्री के करीब पहुंचनेवाले लोग भाजपा के नेता-कार्यकर्ता थे और वे प्रधानमंत्री मोदी जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। इन समर्थकों से प्रधानमंत्री की जान को खतरा कैसे था, इस संबंध में कुछ नहीं कहा है।
इस बीच आज प्रधानमंत्री की सुरक्षा का सवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। यहां एक अधिवक्ता ने याचिका दायर की है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरी जांच हो। याचिकाकर्ता के अनुसार चूक के लिए राज्य सरकार जिम्मेवार है। सुनवाई अब सोमवार को होगी।
उधर, 27 पूर्व आईपीएस अधिकारियों द्वारा राष्ट्रपति को पत्र लिखने और पूरी तरह राज्य सरकार को दोषी करार दिए जाने को लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। पहला यह कि बिना जांच के ही इन अधिकारियों ने कैसे मान लिया कि पंजाब सरकार दोषी है। केवल इसी आधार पर राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त कहने पर भी सवाल उठ रहा है। आज नहीं तो कल यह सामने आएगा कि इन अधिकारियों ने किसके कहने पर इस तरह पत्र लिखा।
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