मोदी के बनाए नीति आयोग की रिपोर्ट को मोदी ने किया खारिज
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग का गठन किया। अब उसी की रिपोर्ट को बिहार के मोदी ने महत्वहीन बता दिया। राजद ने दिया जवाब।
कुमार अनिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में योजना आयोग को बदल कर नीति आयोग का गठन किया। उसकी एक रिपोर्ट से बिहार में खलबली है। नीति आयोग ने बिहार में स्वास्थ्य सुविधा और प्रति लाख अस्पतालों में बेड के मामले में बिहार को फिसड्डी घोषित कर दिया अर्थात सभी प्रदेशों में सबसे नीचे।
अब बिहार से सांसद सुसील मोदी ने ट्वीट करके नीति आयोग की रिपोर्ट को महत्वहीन बता दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य क्षेत्र में बहुत काम हुआ है। अब नीति आयोग की रिपोर्ट सच बोल रही है या सुशील मोदी सत्य बोल रहे हैं, यह बिहार के लोगों को विचार करना चाहिए।
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने ट्वीट किया- नीति आयोग की रैंकिंग में ऊपर बताये गए महाराष्ट्र में कोरोना से 1.5 लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई। यही हाल केरल और राजस्थान का रहा। जो लोग नीति आयोग की रिपोर्ट पर अनर्गल बयान दे रहे हैं, उन्हें अपने शासनकाल का रिपोर्ट कार्ड जारी करना चाहिए।
यहां यह याद रखना जरूरी है कि जब नीति आयोग की रिपोर्ट पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से सवाल पूछा गया, तो वे कन्नी काट कर निकल गए और मुख्यमंत्री का जवाब था-पता नहीं।
उधर, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और राजद ने बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एनडीए सरकार पर करारा हमला किया है। राजद ने कहा- हर आपदा में बिहार रोता है। बिहार के लोगों की जान जाती है, अव्यवस्था से परेशान-परेशान होते हैं। हर आपदा में बिहार के लोग खुद को असहाय महसूस करते हैं। अस्पतालों की दुर्गति के कारण बिहार के लोगों ने कोरोना में अपने प्रियजनों को आंख के सामने मरते देखा है। नीतीश की क्रूर सरकार सिर्फ देखती रही। सिर्फ मीडिया मैनेज करने में लगी रही।
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