राजद के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता प्रो. मनोज कुमार झा ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कल दूसरे चरण का चुनाव है। यह निष्पक्ष और स्वतंत्रता के साथ रोजगार और संविधान की रक्षा की मुद्दे पर महत्वपूर्ण चुनाव है। लोगों के बीच ऐसा जेहन बन गया है कि इस बार के चुनाव के बाद चुनाव होगा कि नहीं यह सुरत लोकसभा के परिणाम के बाद और रिजल्ट से पहले ही प्रमाण पत्र दिये जाने से कहीं न कहीं लोगों के बीच इस बात का अंदेशा है कि बिना चुनाव कराये और लोगों की भागीदारी सुनिश्चित किये बिना परिणाम कैसे दिये जा रहे हैं? इस बार चुनाव संविधान की रक्षा का चुनाव है और बाबा साहब डाॅ0 अम्बेदकर ने जो संविधान में अधिकार दिया है उसे नागपुरिया विधान के माध्यम से कमजोर करने की साजिश चल रही है।
प्रो. झा ने कहा कि प्रधानमंत्री बार-बार सफाई में संविधान नहीं बदलने की बात तो कर रहे हैं लेकिन वो महिलाओं के सम्मान, युवाओं के रोजगार, गरीबों के अधिकार और शोषितों, वंचितों को मान-सम्मान देने के प्रति कोई बात नहीं कर रहे हैं। इसके विपरित जो रोजगार, नौकरी, किसानों, पेंशन तथा बेहतर की शिक्षा की बात कर रहे हैं, उन्हें देशद्रोही बताया जा रहा है। नरेन्द्र मोदी जी ने 2014 में जो वादे और चुनाव घोषणा पत्र में हर साल दो करोड़ नौकरी और रोजगार दिये जायेंगे उस पर कोई काम नहीं हो रहा है और ना ही आरक्षण का दायरा बढ़ाने और महिलाओं तथा गरीबों को मान-सम्मान तथा अधिकार देने के प्रति कोई कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जुबान बार-बार फिसल रही है और जिस तरह की वो भाषा इस्तेमाल कर रहे हैं यह कहीं न कहीं देश के लोगों को खासकर वोट डालने वालो में डर पैदा कर रहा है और इस पर अकशिरयत और अकलियत दोनों को इस बात की चिंता हो रही है कि लोकतंत्र बचेगा की नहीं क्योंकि यहां महंगाई और जनता के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। मोदी, नड्डा, अमित शाह के पास कोई सकारात्मक एजेंडा नहीं है सिर्फ नफरत का माहौल खड़ा करके समाज में विभेद पैदा कर रहे हैं। जहां तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार में 17 महीने में जो नौकरी और रोजगदार तथा आरक्षण व्यवस्था को 75 प्रतिशत बढ़ाकर जो ऐतिहासिक कार्य किये हैं उसको आधार बनाकर इंडिया गठबंधन देश स्तर पर नौकरी और रोजगार की बात कर रही है साथ ही सामाजिक और आर्थिक न्याय के माध्यम से लोगों को हर स्तर पर मान-सम्मान देने के संकल्प को आगे बढ़ा रही है।
इन्होंने आगे कहा कि लोगों को नरेन्द्र मोदी से नाउम्मीदी इतना हो चुकी है कि अब उम्मीद को भी उनपर भरोसा नहीं रहा। प्रथम चरण के चुनाव के बाद जिस भाषा का इस्तेमाल प्रधानमंत्री जी कर रहे हैं यह यथार्थ से काफी दूर है। वाट्सअप फारवर्ड के ज्ञान पर जो बातें की जा रही है उसमें कहीं सच्चाई नहीं है। सच तो यह है कि आज देश् की जनता सुरत लोकसभा के परिणाम तथा चंडीगढ़ में हुए घटना को देख रही है। आज लोकतंत्र की रेवायतों को खत्म करने की साजिश चल रही है। सामाजिक सुरक्षा किसानों के आय को दोगुना किये जाने, रोजगार के साथ-साथ जनता के मुद्दों पर क्यों नहीं बोल रहे हैं प्रधानमंत्री जी? जिन मुद्दों से आवाम की थाली का कोई मतलब नहीं उन मुद्दों पर बातें की जा रही है, क्या यही लोकतंत्र है? दिग्भ्रमित करने की कोशिश लगातार भाजपा और एनडीए के द्वारा की जा रही है। इस बार का चुनाव दो धारा का चुनाव है। संविधान बचाने वाली धारा और दूसरी ओर संविधान को खत्म करने वाली साजिशों में लगी हुई धारा। लोगों को चिंता इस बात की है कि संविधान बचेगा की नहीं क्योंकि अधिनायकवाद के खिलाफ संघर्षों को हर स्तर पर कमजोर किया जा रहा है।
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इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में बिहार प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, चितरंजन गगन, आरजू खान, प्रदेश महासचिव मुकुंद सिंह एवं अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता उपेन्द्र चन्द्रवंशी भी उपस्थित थे।