न्यायिक अभिरक्षा में किसी की भी मौत गंभीर मामला है। उत्तर प्रदेश में Mukhtar Ansari की मौत से देशभर में सवाल उठ रहे हैं। गैरभाजपा सभी दलों ने मौत की जांच की मांग की है। दरअसल Mukhtar Ansari ने पहले ही कहा था कि उन्हें जहर दिया जा रहा है। इसीलिए अचानक उनकी मौत पर सवाल भी उठ रहे हैं। पिछली रात लगभग दस बजे उनकी मौत से उत्तर प्रदेश की सियासय भी गरमा गई है। कल शाम को लगभग छह बजे उनकी तबीयत बिगड़ी। उन्हें लगभग आठ बजे अस्पताल ले जाया गया। दो घंटे बाद उनकी मौत की सूचना सार्वजनिक की गई।
बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव नेMukhtar Ansari की संदिग्ध स्थितियों में मौत पर कहा-यूपी से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के इंतकाल का दुःखद समाचार मिला। परवरदिगार से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति तथा शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। कुछ दिन पूर्व उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है फिर भी गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रथम दृष्टया ये न्यायोचित और मानवीय नहीं लगता। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे विचित्र मामलों व घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा-हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा-Mukhtar Ansari अंसारी जी दादा थे देश की आज़ादी के लिए लड़े कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे। ब्रिगेडियर उस्मान जी नाना थे देश के पहले शहीद जो पाकिस्तान से लड़ कश्मीर बचाए उनके ख़ानदान के लोगों को आज संवैधानिक न्यायिक प्रक्रिया से न्याय नहीं मिल सकता!
भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने उत्तरप्रदेश के पूर्व विधायक Mukhtar Ansari की मौत की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। कहा कि अंसारी की मौत हत्या भी हो सकती है, इसलिए सच्चाई को सामने लाने के लिए उच्चस्तरीय न्यायिक जांच जरुरी है। उन्होंने सरकार द्वारा घोषित मजिस्ट्रेटी जांच अपर्याप्त बताया है।