मुकुल रॉय की घरवापसी से 2024 में मोदी की वापसी मुश्किल
बंगाल में खेला के बाद आज ममता ने 2024 में वापसी के लिए परेशान प्रधानमंत्री मोदी को झटका दिया। मुकुल की वापसी से टीएमसी को फायदा से ज्यादा भाजपा को नुकसान।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय आज भाजपा छोड़कर ममता बनर्जी की उपस्थिति में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। मुकुल पहले टीएमएसी में ममता के बाद दूसरे सबसे बड़े नेता थे। वे 2017 में भाजपा में शामिल हो गए थे।
माना जा रहा है कि ममता का यह कदम तृणमूस को मजबूत करने से ज्यादा भाजपा को कमजोर करने के लिए उठाया गया है। मुकुल रॉय को भाजपा में चाणक्य कहा जा रहा था। मुकुल की घरवापसी करा कर ममता ने भाजपा को कड़ा संदेश दिया है। अब इस बात की संभावना है कि भाजपा के कई विधायक पार्टी से इस्तीफा देकर टीएमसी में शामिल होंगे।
नेशनल टीवी चैनल दो दिनों तक यूपी में जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने को मास्टर स्ट्रोक बता रहे थे। वे भले ही मुकुल रॉय की टीएमसी में वापसी को न दिखाएं, पर वास्तविकता यह है कि प्रधानमंत्री मोदी की 2024 में वापसी की राह पहले से ज्यादा कठिन हो गई है।
2019 में बंगाल में भाजपा को 18 लोकसभा सीटें मिली थीं। इस बार उसके लिए खाता खोलना कठिन होगा। उधर, उत्तर प्रदेश में भी आज जो स्थिति है, उसे लेकर पूरी भाजपा और संघ परेशान है। यूपी में भी भाजपा की सीटें कम होनी तय है।
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एक पत्रकार ने पूछा कि मुकुल रॉय की घर वापसी से पार्टी को कितनी मजबूती मिलेगी, तो ममता ने कहा कि हमारी पार्टी पहले से मजबूत है। अभी तुरत हमने भारी जीत हासिल की है। दरअसल भाजपा में कोई रहना नहीं चाहता। मुकुल को भी दबाव देकर भाजपा में शामिल कराया गया था। दबाव विभिन्न एजेंसियों ने दिया था। जो लोग ठीक चुनाव से पहले पद और पैसा के लिए टीएमसी छोड़कर भाजपा में गए, उन गद्दारों की वापसी नहीं होगी।