मुस्लिम सियासत में खलबली, BJP की बैठक में पहुंचे पसमांदा नेता
संघ-भाजपा के बड़े नेता राम माधव के साथ बिहार के पसमांदा मुस्लिम नेताओं की बैठक। राम माधव ने बताया बैठक का मकसद। पसमांदा नेताओं ने भी रखीं मांगें।
जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पसमांदा मुसलमानों को पार्टी से जोड़ने का आह्वान किया, तब से भाजपा और संघ के नेता पसमांदा मुसलमानों से संपर्क साध रहे हैं। आरएसएस से जुड़े भाजपा के बड़े नेता राम माधव पटना में थे। भाजपा के विधान पार्षद संजय पासवान ने प्रदेश के प्रमुख पसमांदा नेताओं को बैठक में बुलाया था। राम माधव के साथ चर्चा में जदयू के विधान पार्षद गुलाम गौस, बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा के कमाल अशरफ, मंसूरी महापंचायत के फिरोज मंसूरी सहित दर्जनों पसमांदा मुस्लिम नेता शामिल थे। इस बैठक से मुस्लिम सियासत में खलबली मच गई है।
पसमांदा मुस्लिम नेताओं ने एक स्वर में दलित मुसलमानों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मांग की। नेताओं ने कहा कि सिख दलितों को यह दर्जा दे दिया गया है। फिर मुस्लिम दलितों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। संविधान जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव के खिलाफ है। गुलाम गौस ने सच्चर कमेटी की सिफारिशों का भी सवाल उठाया। कमाल अशरफ ने कहा कि दलित मुसलमानों को अजा का दर्जा देने के लिए वे 1994 से आवाज उठाते रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के जमाने में भी आवाज उठाई। मंसूरी महापंचायत के फिरोज मंसूरी ने भी दलित-अति पिछड़े मुसलमानों की समस्याओं को उठाया।
इस अवसर पर संघ-भाजपा के नेता राम माधव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और कहा कि आपकी समस्याओं को जानने का मौका मिला। वे इन समस्याओं को संबंधित लोगों तक पहुंचाएंगे।
मुस्लिम राजनीति में खलबली के साथ ही राज्य के सेकुलर दलों को सोचना होगा कि भाजपा-संघ की कोशिशों का जवाब कैसे दिया जा सकता है। उन्हें पसमांदा मुसलमानों को संगठन तथा सरकार में अधिक जगह देनी होगी, साथ ही इस बड़ी आबादी के चौतरफा विकास के लिए कार्यक्रम बनाने होंगे, उन्हें जमीन पर उतारना होगा। मासूम हो कि इसी साल जुलाई में हैदराबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पसमांदा मुसलमानों को भाजपा से जोड़ने की बात की थी। उसके बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मुसलमानों के साथ बैठक कर चुके हैं।
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