मुस्लिमों ने अखिलेश को घेरा, पूछा-हमारे मुद्दों पर मुखर क्यों नहीं
मुस्लिमों ने अखिलेश को घेरा, पूछा-हमारे मुद्दों पर मुखर क्यों नहीं। खबर है कि सपा प्रमुख ने उप्र के प्रमुख मुस्लिम प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
जानकारी मिल रही है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उप्र के प्रमुख मुस्लिम प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में मुस्लिम बुद्धिजीवी, पूर्व न्यायाधीश, पूर्व आईएएस-आईपीएस तथा बिजनेसमैन शामिल थे। जानकार बताते हैं कि मुस्लिम प्रतिनिधियों ने सपा प्रमुख से तल्ख सवाल पूछे। कहा कि मुस्लिम प्रश्नों पर आपको जितना सक्रिय होना चाहिए, उतना सक्रिय आप नहीं है। इसी के साथ मुस्लिम प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि आपको कांग्रेस के साथ जाना चाहिए। राहुल गांधी से मिल कर चुनाव लड़ना चाहिए। आपको इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव लड़ना चाहिए। कुल मिला कर मुस्लिम प्रतिनिधियों ने यह सुझाव दिया कि आप राहुल गांधी और कांग्रेस के साथ चलें।
दरअसल इस तरह की खबरें रह-रह कर आती रही हैं कि अखिलेश यादव अकेले चुनाव लड़ सकते हैं। अब मुस्लिम प्रतिनिधियों के दबाव के बाद माना जा रहा है कि उन्हें कांग्रेस के साथ समझौता करना ही होगा। कांग्रेस को सम्मानजनक सीटें देनी होगी। अगर उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर चुनाव लड़ा, तो मुस्लिम मतदाता उनसे अलग हो सकते हैं। इस बैठक के बाद कहा जा रहा है कि मुस्लिमों का यही दबाव बसपा पर भी है। हालांकि बसपा प्रमुख मायावती ने कल गुरुवार को ही कहा कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। इसी बीच बसपा के नेता दानिश अली पटना में नीतीश कुमार से मिले। कहा जा रहा है कि दानिश अली मायावती की सहमति के बिना नीतीश कुमार से नहीं मिल सकते। यह भी तय माना जा रहा है कि अगर बसपा नेे इंडिया गठबंधन से अलग होकर सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे, तो उन्हें मुस्लिम मतों से हाथ धोना पड़ेगा।
खबरे आ रही हैं कि सपा प्रमुख ने मुस्लिम प्रतिनिधियों से कहा कि वे उनके सवालों पर कभी चुप नहीं रहे। उनके पिता को भाजपा समर्थक मुल्ला मुलायम तक कहा करते थे। सपा प्रमुख की सफाई के बाद भी मुस्लिम प्रतिनिधियों का दबाव कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन करने का था। यह भी जानकारी मिल रही है कि सपा और कांग्रेस के बीच चुनावी तालमेल होगा और सपा 20-22 सीटें कांग्रेस को दे सकती है।
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