NDTV बिकने का क्या होगा अंजाम, कैसी होगी रवीश की नई भूमिका
सरकार से सवाल करनेवाला, हिंदू-मुस्लिम में नफरत के खिलाफ बोलनेवाला, जनता के दुख-दर्द पर बात करनेवाला NDTV अब बदल जाएगा। क्या होगा अंजाम?
कुमार अनिल
हम सब बहुत खास दौर में जी रहे हैं। देश तेजी से बदल रहा है। लोग इस बदलाव के साक्षी हैं। सिर्फ साक्षी ही नहीं, बल्कि किसी स्तर पर सक्रिय भी है। अब यह तय माना जा रहा है कि जल्द ही नए मालिकों का NDTV पर कब्जा हो जाएगा। इसमें भी रोज हिंदू-मुसलमान, सरकार के एजेंडे तथा पत्रकारिता के नाम चीखते हुए एंकर दिखेंगे और महंगाई, बेरोजगारी, अस्पताल जैसे बुनियादी सवालों पर बात बंद हो जाएगी। रवीश कुमार ने छात्र, शिक्षक, डॉक्टर, बैंककर्मी, किसान, मजदूर सबकी परेशानी, दुख-दर्द पर लगातार कार्यक्रम किए। ऐसे कार्यक्रम अब एनडीटीवी में नहीं आएंगे। अब हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने के लिए नफरत के खिलाफ भी यहां बोलनेवाला कोई नहीं होगा। यहां अब सरकार से सवाल नहीं पूछा जाएगा।
लेकिन एक रास्ता बंद हो जाता है, तभी कई रास्ते खुले रहते हैं। अब माना जा रहा है कि रवीश कुमार यू-ट्यूब पर आएंगे, क्योंकि देश में अब कोई ऐसा मीडिया मालिक नहीं बचा, जो सत्ता से सवाल करने का साहस रखता हो। देश में सैकड़ों की संख्या में टीवी टैनल हैं और हजारों की संख्या में अखबार और पत्रिका, पर उन सब पर कब्जा अब दर्जन भर मालिकों का ही है। एक ही मालिक के अखबार भी हैं, उसी का न्यूज चैनल भी है। अब तो डिजिटल मीडिया में भी इन मालिकों ने कई न्यूज पोर्टल खरीद लिए हैं।
फिर भी डिजिटल मीडिया-यू-ट्यूब पर अब भी कोई अकेला व्यक्ति अपनी आवाज उठा सकता है, अपनी बात कह सकता है। यह भी माना जा रहा है कि जिस दिन रवीश कुमार यू-ट्यूब पर आए, उस दिन यू-ट्यूब का रिकार्ड टूट जाएगा। डिजिटल मीडिया का नया अध्याय शुरू होगा। जाहिर है इससे डिजिटल मीडिया का प्रभाव और लोगों तक पहुंच दोनों बढ़ेगी। पहले से विश्वसनीयता का संकट झेल रही गोदी मीडिया और गिरेगी। हालांकि अब जिस तरह हिंसा से लेकर महंगाई और रेपिस्टों की सजा माफ करने, संस्कारी ब्राह्मण बतानेवालों की भी संख्या है, इसलिए गोदी मीडिया भी रहेगी, लेकिन देश में वैचारिक संघर्ष पहले से ज्यादा स्पष्ट हो जाएगा।
BJP के विजय सिन्हा के आरोप पर मंत्री शीला मंडल का कड़ा सवाल