जदयू विधानपार्षद तथा प्रवक्ता नीरज कुमार ने जन सुराज नेता प्रशांत किशोर पर कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि सशर्त बेल नहीं लेने का उनका दावा झूठा था। उन्हें थाने से ही बेल दी जा रही थी, लेकिन उन्होंने नाटक रचा।
ये बताएं कि आपने ये झूठा दावा किया कि आपने सशर्त बेल लेने से इनकार कर दिया जबकि जो धाराएं आपके खिलाफ लगाई गईं वो जमानती धाराएं थी और आपको थाने से ही बेल देने की बात कही गई लेकिन आपने थाने से बेल नहीं लेने का राजनीतक नाटक किया?
प्रशांत किशोर ये बताएं कि वो गांधी जी की मूर्ति के नीचे अनशन कर रहे थे जबकि गांधी जी ने शराबबंदी का आह्वान किया था। वो बिहार में 15 मिनटों में शराबबंदी को खत्म करने की बात करते हैं तो बापू की प्रतिमा के नीचे अनशन करने वाले प्रशांत किशोर को उनकी प्रतिमा के नीचे अनशन करने में क्या शर्म नहीं आयी?
क्या ये सही नहीं है कि आपने बेल के लिए निजी मुचलका भरा और जब-जब पुलिस आपको कोर्ट जांच के लिए आपको बुलाएगी तब-तब आप पुलिस और न्यायालय के सामने उपस्थित होना होगा? तो आपने ये कैसा झूठा दावा किया कि कोर्ट की सशर्त जमानत लेने से उन्होंने इनकार कर दिया?
आपने दावा किया कि आपके काफिले में हजारों लोग थे, जबकि लगभग 25 गाड़ियां थी अगर उसे मान भी लिया जाए तो उस लिहाज से करीब 150 समर्थक आपके साथ रहे होंगे तो आपने हजारों समर्थकों के साथ होने की बात कहकर लोगों से झूठ नहीं बोला?
ये बताएं कि क्या ये सही नहीं है कि गिरफ्तारी के बाद आपको शारीरिक जांच के लिए एम्स ले जाया गया, फतुहा ले जाया गया लेकिन आपने वहां डाॅक्टरों के साथ सहयोग नहीं किया, जिसकी रिकाॅर्डिंग उपलब्ध है?
आपने ये झूठा दावा किया कि बीपीएससी में पद बिकता है और नेता और अधिकारी के बच्चे उन्हें खरीद रहे हैं तो क्या पिछड़ा वर्ग से आने वाले 64 वीं बीपीएससी के टाॅपर ओम प्रकाश गुप्ता, सामान्य वर्ग से आने वाले 65वीं बीपीएससी के टाॅपर गौरव सिंह, पिछड़ा वर्ग से आने वाले 66वीं बीपीएससी के टाॅपर सुधीर सिंह, सामान्य वर्ग से आने वाले 67वीं बीपीएससी के टाॅपर अमन आनंद, 68 वीं बीपीएससी की टाॅपर प्रियांगी मेहता, अति पिछा वर्ग से आने वाले 69वीं बीपीएससी के टाॅपर उज्ज्वल उपकार जैसे प्रतिभाशाली नौजवानों ने क्या फर्जीवाड़ा कर टाॅप स्थान हासिल किया है?
————–
यूजीसी का नया फरमान, उच्च शिक्षा को संघ के हवाले करने की तैयारी
ये बताएं कि जिन ‘वैनिटी वैन’ से घूमकर आप अपनी राजनीति चमका रहे हैं, करोड़ों की उस ‘वैनिटी वैन’ की असलियत आपने प्रशासन से क्यों छिपायी? क्या आपने सुसज्जित वाहन की असलियत छिपाकर मोटर वाहन की धाराओं का घोर उल्लंघन नहीं किया है?