संविधान के अनुसार सबको बोलने का हक है, लेकिन लोकतंत्र के मंदिर संसद में ही मोदी सरकार ने राहुल गांधी का माइक ऑफ कर दिया। लोकसभा में भारी हंगामा हुआ। नीट जैसे महत्वपूर्ण विषय पर सवाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में नहीं थे। यह बताता है कि देश के 24 लाख बच्चों के प्रति उनका क्या नजरिया है। राज्यसभा में तो हद हो गई विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे नीट पर बोलने को खड़े हुए, लेकिन राज्यसभा अध्यक्ष ने ध्यान ही नहीं दिया। देखा तक नहीं। खड़गे ने कहा कि यह विपक्ष के साथ सौतेला व्यवहार तथा अपमान है।
लोकसभा में नीट के सवाल पर शुक्रवार को भारी हंगामा हुआ। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे देश का सबसे महत्वपूर्ण सवाल बताते हुए चर्चा की मांग की, जिसकी मोदी सरकार ने इजाजत नहीं दी। भारी हंगामे के बीच लोकसभा स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज जो सदन में हुआ, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। नेता प्रतिपक्ष काहुल गांधी ने पूरी शालीनता के साथ नीट पेपरलीक का मसला उठाया। लेकिन सदन में उनके माइक को बंद कर दिया गया, जो कि अच्छी संसदीय परंपरा नहीं है। नेता विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 7 वर्षों में 70 पेपर लीक हुए हैं, करोड़ों युवाओं से मोदी सरकार ने विश्वासघात किया है। हम NEET घोटाले पर 267 के नियम के तहत सदन में चर्चा कर के, इससे पीड़ित लाखों युवाओं की आवाज़ उठाना चाहते थे। इसलिए लोगों की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए, हमने एक विशेष चर्चा के लिए कहा। हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे। हम केवल छात्रों के मुद्दों को उठाना चाहते थे। लेकिन उन्होंने इसका मौका नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया। राज्य सभा के सभापति जी से मैं ये कहूँगा कि विपक्ष के प्रति उनका आज का सौतेला व्यवहार “भारतीय संसद के इतिहास में दागी हो गया है” ! सभापति जी केवल सत्ता पक्ष की ओर देख रहे थे। मैंने उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए 10 मिनट तक हाथ उठाया, खड़ा हुआ, संसदीय गरिमा और नियमों का पालन किया, फ़िर भी उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता की ओर नहीं देखा। जब नेता विपक्ष नियमानुसार उनका ध्यान आकर्षित करता है, तो उन्हें उसकी ओर देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने मुझे अपमानित करने के लिए जानबूझकर मुझे नजरअंदाज कर दिया, मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा। इसलिए मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि यह सभापति साहब की गलती है।