नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पोता ने भाजपा से इस्तीफा दिया
सुभाषचंद्र बोस के पोता ने भाजपा से इस्तीफा दिया। चंद्र कुमार बोस ने जेपी नड्डा और पीएम मोदी को भेजा इस्तीफा। कहा, भाजपा नेताजी की राह के विपरीत चल रही।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पोता ने चंद्र कुमार बोस ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस्तीफा भेजा तथा उसकी प्रति गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेज दी। इस्तीफा के बाद उनका वीडियो वायरल है।
नेता जी सुभाष चंद्र बोस के पोते ने बीजेपी की विभाजनकारी नीतियों एवं नफरती राजनीति से व्यथित होकर बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है।सोचिए, अगर वो किसी और दल से इस्तीफा देते तो गोदी मीडिया के दलाल एंकर बंदरों की तरह उछल कूद मचाते।
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) September 7, 2023
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सुभाषचंद्र बोस के पोता चंद्र कुमार बोस ने कहा कि भाजपा नेताजी के बताए रास्ते पर नहीं चल रही है। नेता जी हमेशा हिंदू-मुस्लिम एकता के पक्षधर रहे, देश की जनता में एकता, राष्ट्रीय एकता के हिमायती रहे। लेकिन आज की परिस्थिति बेहद चिंताजनक है। देश की जनता को बांटने के लिए मंच सजा दिया गया है।
चंद्र कुमार बोस ने कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए थे। उन्हें विश्वास था कि प्रधानमंत्री मोदी देश को समृद्ध बनाना चाहते हैं। लेकिन अब सात साल के बाद मैं निराश होकर भाजपा छोड़ रहा हूं।
उन्होंने कहा कि वे 2016 में भाजपा में शामिल हुए थे। खुद अमित शाह ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया था। उन्हें प. बंगाल प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने भाजपा के भीतर आजाद हिंद मोर्चा बनाने का प्रस्ताव दिया था, जिसमें युवकों को सर्वधर्म समभाव, देश में एकता स्थापित करने के लिए संगठित किया जाता। उनके प्रस्ताव को भाजपा कभी तवज्जो नहीं दिया। आज देश में विभाजनकारी विचारधारा बढ़ रही है।
चंद्र कुमार बोस ने कहा कि वे इनक्लूसिव और सेकुलर राजनीति को मजबूत करने के लिए भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन वहां ये संभव नहीं हुआ। जब उनसे पूछा गया कि वे किस पार्टी में जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि उनके लिए विकल्प खुले हैं। किसी भी समावेशी और सेकुलर विचार वाले दल में शामिल हो सकते हैं। चंद्र कुमार बोस के इस्तीफे को भाजपा के लिए बंगाल में बड़ा झटका माना जा रहा है। बंगाल में उनकी पहचान है। भाजपा ने उन्हें 2019 में दक्षिण कोलकाता से प्रत्याशी बनाया था। हालांकि वे हार गए, लेकिन 35 फीसदी वोट लाने में सफल हुए थे।
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