जदयू के कुर्मी जाति के कई नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश से मांग की है कि उनके बेटे निशांत कुमार को राजनीति में आने की इजाजत दें। इस आशय के बड़े-बड़े पोस्टर पटना स्थित पार्टी कार्यालय में लगाए गए हैं। याद रहे पार्टी के वर्तमान नेतृत्व संजय झा, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कभी निशांत कुमार के राजनीति में आने के पक्ष में बयान नहीं दिया है। माना जाता है कि वे नहीं चाहते कि निशांत राजनीति में आएं। इस प्रकार वर्तमान नेतृत्व की इच्छा के विरुद्ध इस प्रकार के पोस्टर लगाने से जदयू में खलबली मच गई है।

पटना स्थित जदयू कार्यालय में बड़े-बड़े पोस्टर लगा कर निशांत कुमार के राजनीति में आने की मांग की गई है। पोस्टर में निवेदक के तौर पर कई कुर्मी जाति के नेताओं के नाम और फोटो भी लगे हैं। जदयू नेता सुशील कुमार सुनील, अभय पटेल, वरुण कुमार और चंदन पटेल के फोटो लगे हैं।

इस पोस्टर से साफ है कि जदयू के भीतर खलबली मची है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वस्थ नहीं हैं। उनके बाद के पार्टी नेता कभी निशांत कुमार को राजनीति में लाने के लिए उत्सुक नहीं दिखे हैं। भाजपा भी नहीं चाहती कि निशांत राजनीति में आएं। भाजपा नेताओं ने कभी निशांत के राजनीति में आने के समर्थन में बयान नहीं दिया है।

इस स्थिति में पार्टी के पुराने नेता और कार्यकर्ता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी का क्या होगा। उन्हें डर सता रहा है कि भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी और उस स्थिति में पार्टी में बिखराव हो सकता है।

याद रहे उपेंद्र कुशावाहा ने भी चार दिन पहले नीतीश कुमार से ऐसी ही अपील की थी। कहा था कि निशांत अगर राजनीति में नहीं आए, तो पार्टी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। नीतीश कुमार इस दिशा में तुरत कदम उठाएं।

 

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