मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा से सख्त नाराज है। उनके गर्म तेवर से भाजपा में हड़कंप है। गुरुवार को मुख्यमंत्री ने फोन करके उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को फौरन बुलाया। फिर क्या था, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पार्टी की बैठक बीच में ही छोड़ कर भागते हुए मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। भीतर क्या बात हुई, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिली है, लेकिन यह पक्की खबर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा से बेहद नाराज हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भाजपा से नाराजगी की चर्चा दिल्ली भी पहुंच गई है। सोशल मीडिया में खबर वायरल है, जिसमें नीतीश कुमार के कोई बड़ा निर्णय लेने की बातें की जा रही हैं। मालूम हो कि दो दिन बाद 29 जून को जदयू राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक दिल्ली में है। राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक छह महीने में दूसरी बार हो रही है। पिछले साल दिसंबर के अंत में दिल्ली में ही राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक हुई थी, जिसमें ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था और नीतीश कुमार खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। इस बार भी कोई बड़ा निर्णय लिये जाने की बात की जा रही है।

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मुख्यमंत्री की नाराजगी तीन बातों से है। जदयू ने बिना किसी शर्त के भाजपा को समर्थन दिया, लेकिन मंत्रिमंडल में जदयू को महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया गया। जदयू रेल मंत्रालय चाहता था, ताकि कुछ महीनें के भीतर बिहार के लिए कुछ काम करके दिखाया जा सके, जिससे 2025 विधानसभा चुनाव में पार्टी को फायदा हो। नीतीश की नाराजगी की दूसरी वजह है कि बिहार को न तो विशेष दर्जा दिया गया और न ही कोई आर्थिक पैकेज दिया गया। पार्टी को डर है कि इस स्थिति में अगले साल विधानसभा चुनाव में उसे भारी नुकसान हो सकता है। मुख्यमंत्री की नाराजगी की तीसरी वजह बिहार के भाजपा नेता हैं, जो रह-कह कर लगातार कह रहे हैं कि बिहार में भाजपा की अपनी सरकार बनानी है। आज ही भाजपा के वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे ने फिर कहा कि बिहार में भाजपा की अपनी सरकार बनानी है। इसके लिए कार्यक्रात तैयारी करें। भाजपा नेताओं के ऐसे बयान से नीतीश कुमार अपमानित महसूस कर रहे हैं। साफ है कि भाजपा 2020 की तरह जदयू के साथ कोई खेला कर सकती है। पिछली बार भाजपा ने ही चिराग पासवान के जरिये जदयू को पहले नंबर से तीसरे नंबर की पार्टी बना दी, जिसे कई बार जदयू नेता कह चुके हैं। इतना स्पष्ट जरू है कि भाजपा और जदयू में खटास लगातार बढ़ रही है, मुख्यमंत्री भाजपा के साथ सहज नहीं हैं और मोदी सरकार के रवैये से वे नाराज हैं। आगे नीतीश कुमार क्या निर्णय लेते हैं, यह देखना होगा।

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By Editor


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