मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में एक युवती की बेरहमी से ह्त्या कर दी गई। उसके दोनों पांवों में कील ठोक दिए गए हैं। ऐसे बर्बर और दर्दनाक घटना का विरोध मुख्यमंत्री सह नहीं पाए और आपा खो दिया। राजद की महिला विधायक जब महिलाओं पर उत्पीड़न का मामला सदन में उठा रही थीं, तभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक उठे और गुस्से में तमतमाए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर अशोभनीय टिप्पणी कर दी। इसके बाद परिषद में हंगामा हो गया। राजद के विधान पार्षद सुनील सिंह ने मुख्यमंत्री के वक्तव्य का विरोध किया और कार्यवाही से निकालने की मांग की। हालांकि सभापति ने कार्यवाही से निकालने से इनकार कर दिया।
मुख्यमंत्री जिस प्रकार बात-बात पर आपा खो दे रहे हैं और सरकार की आलोचना सुनते ही गुस्से से भर जाते हैं। अगर यही हाल रहा, तो विधानसभा चुनाव आते-आते एनडीए बुरी तरह फंस सकता है। कोई नहीं जानता कि मुख्यमंत्री कब किस बात पर गुस्सा हो जाएंगे और क्या बोल देंगे।
बिहार विधान परिषद में शुक्रवार को महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर सदस्य बोल रहे थे। राजद की विधान पार्षद उर्मिला ठाकुर ने नालंदा में युवती के पैर में कील ठोक देने, हत्या करके शव को फेंक देने का मामला उठाय़ जब वे बोल रही थीं, तभी अचानक मुख्यमंत्री अपनी सीट से खड़े होकर बोलने लगे। उन्होंने राबड़ी देवी की तरफ इशारा करके गुस्से में कहा कि जब इनके हसबैंड जेल गए, तो इनको मुख्यमंत्री बना दिया। मुख्यमंत्री की इस बात का कोई औचित्य नहीं था। चर्चा हो रही थी कि महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर उखड़ गए।
राजद ने मुख्यमंत्री के इस प्रकार गुस्सा होने, कभी तेजस्वी यादव पर, कभी उनकी मां पर अनाप-शनाप बोलने को मुद्दा बना दिया है। कल ही पटना में राजद के जरिये महिला सम्मेलन होने जा रहा है। उसमें भी राबड़ी देवी का अपमान किए जाने का मुद्दा उठेगा।