बिहार महागठबंधन में शामिल दलों के प्रमुख नेताओं तथा सभी विधायकों की कल रात बैठक हुई, जिसमें एक बड़ा फैसला ले लिया गया। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने पुष्टि कर दी है। बैठक में उपस्थित विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने 2025 विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति बताई, जिस पर सभी दलों तथा सभी दलों के विधायकों ने सहमति जताई।
याद रहे पिछले कई दिनों से मीडिया में ऐसी खबरें आ रही थीं कि महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर तालमेल नहीं है। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा था कि चुनाव में गठबंधन के सभी दल साथ मिल कर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन नेतृत्व और मुख्यमंत्री का चेहरा किसी को नहीं बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव परिणाम आने के बाद लिया जाएगा।
महागठबंधन में शामिल दलों तथा सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से निर्णय ले लिया कि विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। इसी के साथ इस मुद्दे पर अब कोई असमंजस नहीं रहा। बैठक के बाद कांग्रेस के नेता विजय शंकर दुबे ने कहा कि महागठबंधन पूरी तरह एकजुट है। नेतृत्व के सवाल पर कोई मतभेद नहीं है। तेजस्वी यादव के ही नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। वाम दलों की पहले ही इस सवाल पर सहमति थी। अब कांग्रेस के भी तैयार हो जाने से नेतृत्व का मामला सुलझ गया है।
बैठक में तेजस्वी यादव ने दो बातों पर जोर दिया। पहला कि चुनाव होने तक कोई भी नेता ऐसी कोई बात नहीं कहें, जिससे विवाद खड़ा हो जाए और भाजपा जनता के मूल मुद्दों से भटका दे। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि उनका 17 महीने का कार्यकाल शानदार रहा है। इसकी उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाना है। खासकर जाति गणना तथा पिछड़ों-अति पिछड़ों को 65 प्रतिशत आरक्षण का बिल पास कराने की बात जनता को बतानी है। यह भी बताना है कि भाजपा नहीं चाहती कि पिछड़ों को आरक्षण मिले, इसीलिए उसने मामले को उलझा दिया है।