नीतीश ने किया इशारा, आरक्षण का दायरा बढ़ाने की हो चुकी तैयारी
नीतीश ने किया इशारा, आरक्षण का दायरा बढ़ाने की हो चुकी तैयारी। पत्रकारों से कह दी बड़ी बात। विधानसभा के अगले सत्र में भाजपा को जबरदस्त झटका देने की रणनीति।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति गणना के बाद आगे की रणनीति का इशारा किया। पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से पूछा कि जाति गणना के बाद क्या आरक्षण की अधिकतम सीमा सरकार बढ़ाएगी। इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि चिंता मत करिए। विधानसभा के अगले सत्र में जाति गणना की पूरी रिपोर्ट सदन में रखी जाएगी। उसमें विभिन्न जातियों की आर्थिक स्थिति भी होगी। आगे की योजना को भी सदन में रखा जाएगा। सभी दलों से इस पर विचार लिया जाएगा। उसके बाद सदन से प्रस्ताव पारित होगा।
गौर करने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री ने आरक्षण की अधिकतम सीमा रो बढ़ाने के सवाल को खारिज नहीं किया। उन्होंने कहा कि इंतजार करिए। जो भी होगा सदन में होगा। सदन में सभी कुछ रखा जाएगा। मालूम हो कि बिहार सरकार ने जातियों की संख्या को सार्वजनिक कर दिया है। इसके अनुसार राज्य में पिछड़ों की आबादी 63 प्रतिशत है, जिसमें अतिपिछड़े 36 प्रतिशत हैं। अनुसूचित जाति लगभग 20 प्रतिशत है। इससे स्पष्ट है कि नीतीश सरकार राज्य में आरक्षण की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत या उससे थोड़ा अधिक भी कर सकती है। ऐसा दक्षिण के कई प्रदेशों में पहले से है।
बिहार विधानसभा का अगला सत्र दिसंबर में होने की संभावना है। सदन में आरक्षण का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव आया तो भाजपा बुरी तरह फंस सकती है। उसके लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाने का समर्थन करना मुश्किल होगा और विरोध करना भी आत्मघाती होगा। फिलहाल भाजपा की कोशिश है कि जाति गणना की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया जाए। हालांकि उसे अभीतक व्यापक समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है।
लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की जाति गणना ने देश का विमर्श बदल दिया है। कई राज्य जाति गणना कराने की घोषणा कर चुके हैं। इंडिया गठबंधन इसे 2024 लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मुद्दा बनाने की तैयारी कर रहा है।
जाति गणना विरोधियों पर लालू का भयंकर हमला, जानिये क्या कहा