बिहार की राजनीतिक दिशा अब कुछ –कुछ साफ होने लगी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा भाजपा का पूरा जोर राज्य में हवाई अड्डों के विकास पर है, वहीं तेजस्वी यादव के लिए सबसे बड़ा मुद्दा माई-बहिन योजना और इसके जरिये कमजोर वर्ग का विकास। इस तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा भाजपा के विकास मॉडल तथा तेजस्वी के विकास मॉडल की बीच के फर्क को समझा जा सकता है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान कई हवाई अड्डों के विकास पर जोर दिया है। इसके लिए राज्य सरकार ने फंड भी जारी किया। कल उन्होंने मधुबनी हवाई अड्डे के विकास की घोषणा की। इससे पहले वे चंपारण तथा दरभंगा में हवाई अड्डों के विकास की बात कर चुके हैं। राजगीर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम, कई फ्लाई ओवर की भी घोषणाएं हो चुकी हैं। स्पष्ट है नीतीश कुमार तथा भाजपा के विकास मॉडल में ऐसे ही बड़े-बड़े निर्माण हैं, जो गरीब प्रदेश के लोगों के जीवन को बहतर नहीं कर सकते।
दूसरी तरफ विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लगातार माई-बिहन मान योजना पर जोर दे रहे हैं। इस योजना के तहत राजद की सरकार बनने पर हर महिला को हर महीने ढाई हजार रुपए दिए जाएंगे। इसी के साथ वे लगातार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की बात कर रहे हैं ताकि आम लोगों का जीवन बेहतर हो सके।
इस तरह इसी साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन की प्रथमिकताओं को समझा जा सकता है। एक के लिए बड़े-बड़े निर्माण प्रथामिकता है, तो दूसरे के लिए आम जन जीवन को बहतर बनाना। अभी आने वाले दिनों में इन दो विकास मॉडलों में प्रतियोगिता देखने को मिलेगी।