पहलगाम की घटना तथा उसके विरुद्ध भारत के ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दुनिया भर को देने के लिए सांसदों की टीम कई देशों का दौरा करेगी। इन टीमों का नेतृत्व विभिन्न दलों के नेता करेंगे। ऐसे किसी टीम का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार ने एआईएमआईएम के प्रमुख असदद्दीन ओवैसी क्यों नहीं आमंत्रित किया, यह सवाल बन गया है। सोशल मीडिया में कई प्रबुद्ध लोगों, वरिष्ठ पत्रकारों ने यह सवाल उठाया है।
भारत सरकार ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को बेनकाब करने के लिए सर्वदलीय सांसदों को विभिन्न देशों में भेजना का निर्णय किया है। इसे भारत सरकार की बड़ी डिप्लोमेटिक पहल माना जा रहा है। भारत सरकार ने वरिष्ठ सांसदों के नेतृत्व में सांसदों की टीम विभिन्न देशों का दौरा करके भारत का पक्ष रखेगी। कांग्रेस के सांसद शशि थरूर, भाजपा के रविशंकर प्रसाद, जदयू के संजय कुमार झा, वैजयंती पांडा, भाजपा, के करुणानिधि, डीएमके, सुप्रिया सुले, एनसीपी, एकनाथ शिंदे, शिवसेना इन टीमों की नेतृत्व करेंगे। 49 सांसद विभिन्न टीमों का हिस्सा होंगे।
इधर सोशल मीडिया में एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी को किसी टीम का नेता नहीं बनाए जाने पर लोगों ने सवाल उठाए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के पूर्व संपादक उत्तम सेन गुप्ता ने एक्स पर लिखा कि सांसदों की एक टीम का नेतृत्व ओवैसी को दिया जाना चाहिए। उनकी टीम में जम्मू-कश्मीर के भी एक सांसद होते, तो विश्व को अच्छा संदेश दिया जा सकता है। हिंदुस्तान टाइम्स के सलाहकार संपादक विनोद शर्मा ने सेनगुप्ता की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने भी कहा कि कश्मीर के सांसद को भी टीम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए था।
इस बीच कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने टीमों का नेतृत्व करने के लिए नाम मांगा था। सरकार को हमने जो नाम दिए थे, उनमें किसी को नहीं लिया और अपने मन से शशि थरूर का नाम तय कर दिया गया। सरकार ने जब देश का सवाल था, तब भी संकीर्ण राजनीति नहीं छोड़ी।