पढ़ाना छोड़ अब दारूबाजों की जासूसी करेंगे शिक्षक, RJD का विरोध
कोरोना में गरीब बच्चों की पढ़ाई बंद है। बंगाल ने पाड़ाय स्कूल(पड़ोस में स्कूल) की शुरुआत की। वहीं बिहार सरकार शिक्षकों को कह रही दारूबाजों का पता करो।
दो वर्षों से स्कूली शिक्षा ध्वस्त है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान गरीब बच्चों को हो रहा है। हर सरकार कुछ उपाय कर रही है। बंगाल में ममता सरकार ने पाड़ाय स्कूल ( टोले में स्कूल) की शुरुआत की है। स्कूल बंद होने के बाद भी पढ़ाई जारी रहे, इसके लिए टोले में शिक्षक जा कर पढ़ा रहे हैं। वहीं बिहार सरकार ने शिक्षकों को सनकी फरमान जारी किया है। कहा गया है कि शिक्षक दारू पीने वालों की जासूसी करें और सरकार को बताएं। राजद ने इसका कड़ा विरोध किया है।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने इस फरमान को बिना देर किए वापस करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यपकों, शिक्षकों, शिक्षिकाओं, शिक्षा सेवकों, शिक्षा सेवकों (तालीम मरकज) के साथ ही विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों को गुपचुप तरीके से शराब पीने वालों और आपूर्ति करने वालों का पता लगाकर मद्यनिषेध विभाग को सुचित करने का आदेश जारी किया गया है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षकों के लाखों-लाख पद रिक्त रहने के कारण स्कूलों में सही ढंग से पढ़ाई नहीं हो रही है। पहले से ही शिक्षकों से कई अन्य काम लिए जाते रहे हैं। कभी- कभी तो शिक्षकों की कमी की वजह से कई स्कूल में ताला लटका रहता है। सरकार के इस नये फरमान से तो शिक्षा व्यवस्था ही ठप हो जायेगी। सरकार को बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा महत्वपूर्ण काम शराबबंदी हीं दिखाई पड़ रहा है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर सरकार केवल तमाशा कर रही है। इस सरकार को शराबबंदी के नाम पर तमाशा करने के अलावा और दूसरा कोई काम हीं नहीं है। सारा पुलिस प्रशासन इसी में लगा हुआ है फिर भी शराब का अवैध कारोबार चल हीं रहा है।