सरकार के बाद JDU ने उठाया लिंग समानता पर बड़ा कदम
JDU ने आज स्त्री-पुरुष बराबरी की दिशा में बड़ा कदम उठाया। अबतक किसी पार्टी ने महिलाओं को पार्टी में 33 फीसदी आरक्षण नहीं दिया था। यह काम जदयू ने किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर JDU ने आज स्त्री-पुरुष बराबरी की दिशा में बड़ा कदम उठाया। पहली बार पार्टी ने संगठन में 33 फीसदी आरक्षण महिलाओं को दिया है। अबतक किसी पार्टी ने ऐसा नहीं किया है।
आज जदयू की नई प्रदेश कमेटी की घोषणा हो गई। इसमें 29 उपाध्यक्ष, 60 महासचिव और 114 सचिव बनाए गए हैं। सात प्रवक्ता बनाए गए हैं। एक कोषाध्यक्ष होंगे। इस तरह अध्यक्ष समेत जदयू की प्रदेश कमोटी में 213 पदाधिकारी हैं।
पार्टी कमेटी को इतनी बड़ी बनाने के पीछे दो खास वजहें हो सकती हैं। पहली वजह विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद जदयू की बदली हुई रणनीति है। चिराग पासवान के कारण लगभग 35 सीटें गंवाने के कारण जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई करने की कोशिश पार्टी लगातार कर रही है। पार्टी ने विस्तार पर जोर देने की रणनीति बनाई है। इसकी झलक नई कमेटी में भी दिखती है। इसमें अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा गया है। कमेटी में नए लोगों को भी मौका दिया गया है और पुराने नेता भी हैं।
बड़ी कमेटी की एक दूसरी वजह उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का जदयू में विलय भी है। रालोसपा से आए नेताओं को भी सम्मान देने के लिए पदों की संख्या बढ़ाई गई है।
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राज्य सरकार ने इससे पहले सरकारी नौकरियों में भी महिलाओं को आरक्षण दिया है। स्कूल की शिक्षिका से लेकर सिपाही बहाली तक जिस प्रकार महिलाओं को आरक्षण दिया गया है, उसका सकारात्मक असर हुआ है। पंचायत प्रतिनिधियों में भी महिलाओं को आरक्षण मिलने का समाज पर असर पड़ा है। हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से उनका सशक्तीकरण हुआ है। अब देखना है, दूसरे दल क्या करते हैं।
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