रालोजपा के अध्यक्ष Pashupati Kumar Paras (पशुपति कुमार पारस) ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया है। भाजपा पर सीधा आरोप लगाया कि उनके साथ नाइंसाफी की गई है। अब उनके लिए कई विकल्प हैं। उधर, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष Upendra Kushwaha (उपेंद्र कुशवाहा) रूठे हुए हैं, लेकिन अपमानजनक स्थिति यह है कि उन्हेंं मनाने भी कोई नहीं जा रहा। हम के संरक्षक जीतनराम मांझी भी सिर्फ एक सीट मिलने से खुश नहीं हैं। ‘मोदी का परिवार’ में तीन घटक खुश हैं, तो तीन घटक नाराज हैं। एक ने तो परिवार ही छोड़ दिया है।

Pashupati Kumar Paras (पशुपति कुमार पारस) ने मंगलवार को भारी मन से मोदी का परिवार से अलग होने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे ईमानदारी के साथ एनडीए का हिस्सा रहे, मंत्री पद की जिम्मेदारी भी ईमानदारी से निभाई। हर मौके पर भाजपा का साथ दिया, लेकिन जब चुनाव का वक्त आया, तो उन्हें बाहर फेंक दिया गया। इस बीच खबरें हैं कि वे इंडिया गठबंधन के संपर्क में हैं। राजद से उनकी बातचीत चल रही है। संभव है कि वे इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाएं। ऐसा नहीं होने पर वे स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में उतरेंगे, लेकिन वे चुप नहीं बैठेंगे।

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एनडीए के दूसरे नेता Upendra Kushwaha (उपेंद्र कुशवाहा) रूठे हुए हैं। उन्हें कम से कम तीन सीटें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन मिली सिर्फ एक सीट। ऐसे में उनकी आगे की राजनीति पर ताला लग गया है। उनके बारे में भी खबरें हैं कि वे इंडिया गठबंधन के संपर्क में हैं और हो सकता है कि वे पाला बदल लें। यह साफ है कि अब उन्हें भाजपा कोई तवज्जो देने नहीं जा रही है।

एनडीए के तीसरे घटक JitanRam Manjhi (जीतनराम मांझी) के बारे में खबरें हैं कि एक सीट मिलने से वे खुश नहीं हैं। हालांकि वे Upendra Kushwaha की तरह नाराज नहीं हैं और अंत में आधे मन से साथ रहने को तैयार हो जाएं। कुल मिला कर एनडीए परिवार में किसी की खूब पूछ और किसी की उपेक्षा से अजीब स्थिति हो गई है। आने वाले दिनों में उपेंद्र कुशवाहा कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं।

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