दुनिया के साथ-साथ इस Corona ने देश और बिहार को बहुत नुक़सान पहुंचाया है। Lockdown की वजह से लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब हो चुकी है। जहां एक तरफ़ व्यापार को नुक़सान पहुंचा है तो कई लोगों की प्राइवेट नौकरी या तो चली गई है या फिर उनकी सैलरी में क़रीब 20-30 प्रतिशत तक की कटौती की गई है। इन सब के बीच सरकार कई तरह के दावे कर रही है मगर आम आदमी की परेशानी में कमी नहीं आई है। वहीं सरकार पेट्रोल के दाम में भी लगातार बढ़ोतरी करती जा रही है।
पिछले 10 दिनो पर नज़र डालते हैं तो Patna में Petrol की कीमतों में 6 दिन बढ़ोतरी आई है।
हर दिन पेट्रोल की कीमतों में हो रहे बदलाव के चलते पटना में 22 अगस्त को पेट्रोल की क़ीमत 84.02 रूपया प्रति लीटर पर पहुंच गया है। पिछले 10 दनो में जहां 13, 14 और 15 अगस्त को क़ीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई मगर 16, 17 और 18 अगस्त को लगातार बढ़ी पेट्रोल की क़ीमत। फिर जहां 19 अगस्त को क़ीमत स्थिर रहा वहीं फिर 20, 21 और 22 अगस्त को लगातार क़ीमत बढ़ती चली गई। लगातार पेट्रोल की क़ीमत में हुई बढ़ोतरी के बाद क़ीमत 84 रूपया प्रति लीटर से भी अधिक हो गई है।
जून में बढ़ोत्तरी के बाद जुलाई में पेट्रोल की क़ीमत में बढ़ोतरी नहीं हुई थी। मगर अगस्त में पेट्रोल के दाम में लगातार बढ़ोतरी दिखी है। वहीं डीजल की कीमतों में पिछले महीने 10 बार बढ़ोत्तरी की गई. अगस्त में डीजल की कीमतें स्थिर हैं। खासबात ये है कि मार्च और अप्रैल में इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड अपने निचले सतरों पर बना रहा और सरकार को सस्ते में कच्चा तेल खरीदने का मौका मिला। मगर आम लोगों को इसका लाभ बिलकुल नहीं मिला है। सरकार के लगातार पेट्रोल की क़ीमत बढ़ने से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तेल की क़ीमत जब बढ़ती है तो इसका असर बाजार पर भी पड़ता है और हर चीज़ों के दाम में बढ़ोतरी आ जाती है। इसलिए जहां एक तरफ़ इस कोरोना काल में लोग पैसों की कमी से जूझ रहे हैं वहीं पेट्रोल के दाम की बढ़तोरी लोगों को परेशान कर रही हैं।
जानकारी के लिए बता दूं कि तेल की क़ीमत रोजाना सुबह 6 बजे बदलती है, और सुबह 6 बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं।