मुसलमानों का इलाज करने से इनकार करने की करतूत करने वाले सरोज हॉस्पिटल को माफी मांगनी पड़ी है. सामाजिक कार्यकर्ता आजमी बारी के लीगल नोटिस से डरे अस्पताल ने माफीनामा जारी किया है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों पटना के कंकड़बाग स्थित सरोज हॉस्पिटल का एक विडियो वॉयरल हुआ था. इस विडियो में अस्पताल कर्मी ने एक मुस्लिम महिला को दाखिला देने से मना किया तो उसके अभिभावक ने इसका विडियो बना कर सोशल मीडिया पर जारी कर दिया था.
यह विडियो जब सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आजमी बारी ने देखी तो इस मामले की पूरी छानबीन की और अपने वकील ताबिश नकी से अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चुनौती दे डाली.
सरोज हास्पिटल के डायरेक्टर सुनील कुमार और लक्ष्मी झा के नाम जारी लीगल नोटिस में चर्चित वकील ताबिश नकी ने कहा कि किसी व्यक्ति का इलाज उसके धर्म या नस्ल के कारण नहीं करना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार का उल्लंघन है. साथ ही उन्होंने कहा कि समुदाय विशेष के साथ ऐसा आचरण साम्प्रदायिक वैमन्सय बढ़ाने का प्रयास है और आपके विरुद्ध आईपीसी की धारान 153 ए और 295 ए के तहत कार्वाई हो सकती है. लिहाजा नोटिस मिलने के 24 घंटे के अंदर आपने माफीनामा नहीं भेजा तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर हमारे क्लाइंट आजमी बारी को बाध्य होना पड़ेगा.
इस नोटिस के प्राप्त होने के बाद सरोज होस्पिटल ( Saroj Hospital, kankarbagh, Patna) बिना शर्त माफीनामा जारी करते हुए कहा है कि हमें उस दिन की घटना पर खेद है. हमारा विश्वास है कि धार्मिक एकता के बल पर ही समाज कायम रह सकता है. हमारी आस्था और हमारा व्यवहार भी यही है लेकिन फिर भी उस दिन की घटना पर किसी को कोई तकलीफ पहुंची है तो हम इसके लिए माफी मांगते हैं.
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गौरतलब है कि आजमी बारी ऐसे संवेदनशील मामलों पर काफी सक्रिय रहते हैं. इसस पहले कोरोना संकट मामले पर बेतिया के डीएम द्वारा मुसलमानों को कोरोना से जोड़ने का एख पत्र जारी किया था तो उसके खिलाफ भी आजमी बारी ने लीगल नोटिस दिया था.