Pegasus : राहुल ने पूछा PM या HM किसने कराई जासूसी
Pegasus मामले में जांच आदेश के बाद राहुल ने पूछा, PM या HM किसने कराई जासूसी? क्या डेटा उनके पास जा रहा था? राहुल ने कहीं चार खास बातें।
आज सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही पेगासस जासूसी मामले की अपनी निगरानी में जांच के लिए कमेटी बनाई, सोशल मीडिया पर भूचाल आ गया। राहुल गांधी ने विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और चार मुख्य बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पेगासस जासूसी मामले को हमने संसद में उठाया था। सभी दलों के सहयोग से संसद को ठप किया। लेकिन सरकार इस मामले पर चर्चा कराने को तैयार नहीं हुई। आज सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी हमारी मांगों पर एक तरह से महर है।
राहुल गांधी ने पूछा कि पेगासस जासूसी का आदेश किसने दिया-प्रधानमंत्री ने दिया या गृह मंत्री ने? पेगासस स्पाईवेयर खरीदने या उसके इस्तेमाल की इजाजत यही दो लोग दे सकते हैं। पेगासस किसी प्राइवेट पार्टी को नहीं मिल सकता। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या पेगासस से मिलनेवाले डेटा को प्रधानमंत्री तक पहुंचाया गया? यह जनना इसलिए जरूरी है क्योंकि जिनकी जासूसी की गई, उनमें सुप्रीम कोर्ट से लेकर विपक्ष के नेता और मीडिया के लोग भी थे।
राहुल ने कहा कि इससे यह पता चलेगा कि क्या प्रधानमंत्री अपने ही देश के खिलाफ किसी दूसरे देश से मिलकर जासूसी करा रहे थे। यह सभी बातें सामने आनी चाहिए।
राहुल गांधी ने एक महत्वपूर्ण बात यह कही कि पेगासस के जरिये आईडिया ऑफ इंडिया पर हमला किया गया है। आईडिया ऑफ इंडिया का मतलब है हमारे संविधान ने सबको निजता का अधिकार दिया है। कोर्ट, मीडिया सभी की स्वतंत्रता के लिए सुरक्षा कवच प्रदान किया है। पेगासस के जरिये उस सुरक्षा कवच को तोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि आज देश में जो म्यूटेड अपोजिशन ( चुप विपक्ष) दिख रहा है, उसकी एक वजह यह भी है। पेगासस के जरिये हमारे देश के लोकतांत्रित ढांचे पर हमला किया गया है। यह राजनीतिक सवाल नहीं है, देश के ढांचे का सवाल है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया- #Pegasus मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का हम स्वागत करते हैं। बात राजनीति की नहीं है- ये देश के लोकतांत्रिक ढाँचे पर, जनता पर व आज़ादी पर हमला है। ये हमला करने का निर्देश सिर्फ़ दो ही लोग दे सकते हैं और जब सच सामने आएगा उनके पास कोई जवाब नहीं होगा।
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