इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम
अब प्रशांत किशोर के झूठ, फरेब और फ्रॉड की काली सूची देख कर नीतीश कुमार भी दंग हैं. तभी तो आज उन्होंने जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार को हिदायत दी कि वह दुनिया के सामने इसे उजागर करें.
दस्तावेजों के साथ जदयू ने आज सारी चीजें सामने रख दीं. छह जनवरी को पुलिस हिरासत में लिये जाने के बाद, सुबह चार बजे से झूठ और फरेब की गुमराहकुन खबरों से पत्रकारों के ग्रूप में ऐसी बौछार की गयी कि उसे जान कर आप भी हैरान रह जायेंगे.
जिस एम्स के बारे में प्रशांत किशोर ने बताया कि उसने हमारी जांच के लिए दाखिला नहीं लिया, उसकी सच्चाई कुछ और थी. सच यह था कि पीके ने खुद जांच करवाने से मना कर दिया. वरना अस्पताल, वो भी सरकारी, उसकी क्या मजाल कि मेडिकल जांच न करे.
पटना की अदालत के ताअल्लुक से भी पीके ने भारी झूठ बोला. यह झूठ तो सच मानो में अदालत की अवमानना का अपराध है. पीके ने कहा कि अदालत हमे सशर्त जमानत दे रही थी, मैंने मानने से इनकार कर दिया और जेल चला गया. हकीकत यह थी कि उन्हें पहले ही बिना शर्त जमानत दी गयी. उस पर भी अगला झूठ पीके ने यह बोला कि उन्हें बेऊर जेल ले जाया गया. कुछ देर बाद खुद अदालत ने उन्हें बिना शर्त जमानत दे दी. नीरज दस्तावेज दिखाते हुए बताते हैं कि प्रशांत किशोर बेऊर जेल गये ही नहीं. उन्होंने बेऊर थाने को बेऊर जेल बता कर मीडिया को, जनता को, आंदोलनकारियों के साथ धोखा किया.
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यह सारा फरेब पीके ने जनता की सहानुभूति लेने के लिए किया.
अब नीतीश सरकार उन्हें फिर जेल भेजने की तैयारी कर रही है।
इनके अलावा भी फरेब की भयंकर लिस्ट आज हम हक की बात में पेश कर रहे हैं. पूरा विडियो जरूर देखें.