PM के मित्र अडानी का एक और घोटाला सामने आया : कांग्रेस
PM के मित्र अडानी का एक और घोटाला सामने आया। अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से खुद के शेयर खरीदे और फिर स्टॉक एक्सचेंज में लाखों डॉलर का निवेश किया।
भारतीय उद्योगपति अडानी का घोटाला एक बार फिर से सुर्खियों में है। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा-PM मोदी के परम मित्र अडानी के गड़बड़झाले पर एक और रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से खुद के शेयर खरीदे और फिर स्टॉक एक्सचेंज में लाखों डॉलर का निवेश किया। 2014 की शुरुआत में SEBI को इस गड़बड़झाले की भनक लगी थी, लेकिन अडानी के दोस्त मोदी के PM बनते ही SEBI ने जांच में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
FT Investigation: the secret paper trail reveals hidden Adani investors via @danmccrum and @JohnReedwrites
— roula khalaf (@khalafroula) August 31, 2023
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कांग्रेस ने कहा कि साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में G20 शिखर सम्मेलन हुआ था। वहां PM मोदी ने काले धन, मनी लॉन्ड्रिंग और शेल कंपनियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग की बात कही थी। अब नई दिल्ली में G20 सम्मेलन होने से पहले खुलासा हुआ है कि PM मोदी के चहेते दोस्त ने शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया है, SEBI के नियमों का उल्लंघन किया है।
साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में G20 शिखर सम्मेलन हुआ था।
— Congress (@INCIndia) August 31, 2023
वहां PM मोदी ने काले धन, मनी लॉन्ड्रिंग और शेल कंपनियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग की बात कही थी।
अब नई दिल्ली में G20 सम्मेलन होने से पहले खुलासा हुआ है कि PM मोदी के चहेते दोस्त ने शेल कंपनियों का इस्तेमाल… pic.twitter.com/dq6clDoyF5
ब्रिटिश अखबार द गार्डियन और द फाइनेंशियल टाइम्स ने ने गौतम अडानी की इस अनियमितता को उजागर किया है। नवभारत टाइम्स लिखता है एक मीडिया ग्रुप की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से खुद अपने शेयर खरीदकर स्टॉक एक्सचेंज में लाखों डॉलर का निवेश किया।ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की इस रिपोर्ट को Guardian और Financial Times के साथ शेयर किया गया है। इसमें अडानी ग्रुप के मॉरीशस मे किए गए ट्रांजैक्शंस की डीटेल का पहली बार खुलासा करने का दावा किया गया है। इसके मुताबिक ग्रुप की कंपनियों ने 2013 से 2018 तक गुपचुप तरीके से अपने शेयरों को खरीदा। नॉन-प्रॉफिट मीडिया ऑर्गेनाइजेशन OCCRP का दावा है कि उसने मॉरीशस के रास्ते हुए ट्रांजैक्शंस और अडानी ग्रुप के इंटरनल ईमेल्स को देखा है। उसका कहना है उसकी जांच में सामने आया है कि कम से कम दो मामले ऐसे हैं जहां निवेशकों ने विदेशी कंपनियों के जरिए अडानी ग्रुप के शेयर खरीदे और बेचे हैं।