प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोनिया गांधी के बारे में हल्की बात कह कर निशाने पर आ गए। राजद ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री की भाषा क्या ऐसी ही होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता डर गईं। वे चुनाव लड़ने से डर कर भाग गईं। भाग कर राजस्थान पहंच गईं और राज्यसभा का सदस्य बन गईं।
क्या यह भाषा विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री को शोभा देती है?pic.twitter.com/cuh5uDjMMD
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) May 3, 2024
सोनिया गांधी 77 वर्ष की हैं। प्रधानमंत्री से चार साल बड़ी हैं और वे लगातार बीमार भी हैं। इसके बावजूद उनके बारे में कहना कि वह डर कर भाग गईं। यह सरासर ओठी भाषा है, जो प्रधानमंत्री के पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। सोशल मीडिया में लोग चकित हैं और कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी अब ट्रोल की भाषा बेलने लगे हैं।
युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बी. वी. श्रीनिवास ने प्रधानमंत्री की भाषा पर कहा अपने से बड़ी उम्र की महिला के लिए ऐसी घटिया – टपोरी भाषा इस्तमाल करने वाला ये आदमी भारत का प्रधानमंत्री है.. इससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं। और कितना नीचे गिरोगे नरेंद्र मोदी? पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने लिखा-कुछ दिन पहले कुछ लोग राहुल गांधी को भाषाई ज्ञान दे रहे थे। उन्हें मोदी की भाषा सुननी चाहिए। सोनिया गांधी के लिए मोदी कितने सम्मान से बात कर रहे हैं। क्या वे लोग मोदी को भी भाषाई लेक्चर देंगे या चुप्पी मार जाएँगे?
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प्रधानंमत्री लगातार मुसलमान, पाकिस्तान की बात कर रहे हैं। आज लालू प्रसाद ने भी प्रधानमंत्री मोदी की भाषा पर सवाल उठाए। कहा कि हिंदी में डेढ़ लाख शब्द हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के प्रिय शब्द हैं पाकिस्तान, हिंदू-मुसलमान, भैंस, मंगलसूत्र। वे कभी भूलकर भी बेरोजगारी, महंगाई नहीं बोलते।