Narendra Modi, Corona Virus,थाली पीटने और घंटी बजाने के बाद अब पीएम मोदी ने नागरिकों से कहा है कि बिजली गुल करके दीया जलाइए. इससे कोरोना संकट से लड़ने में मदद मिलेगी

कोरोना संकट में वैज्ञानिक सोच देने के बजाये पीएम मोदी नागरिकों को हिप्नोटाइज करने व अंधविश्वास की गर्त में धकेलने में लगे हैं ताकि लोग कोरोना संकट पर सरकार की कमियों पर उंगली न उठायें.

थाली पीटने और घंटी बजाने के बाद अब पीएम मोदी ने नागरिकों से कहा है कि बिजली गुल करके 5 अप्रैल को रात 9 बजे दीया जलाइए. इससे कोरोना संकट से लड़ने में मदद मिलेगी
Irshadul Haque, Editor naukarshahi.com

पीएम मोदी शुक्रवार को 9 बजे सुबह विडियो संदेश जारी करके जनता से अपील करते हैं. वह कहते हैं कि पांच अप्रैल को रात नौ बजे. 9 मिटन के लिए आप अपने घरों की बत्तियां बुझा दें. मोमबत्ती, दीया या मोबाइल को जला लें. इससे कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हमें असीम ऊर्जा प्राप्त होगी.

 यह इकीसवीं सदी का भारत है. परमाणु सम्पन्न देश. मंगल ग्रह की छाती पर उतर जाने का प्रयास करता देश. लेकिन कोरोना वायरस के भयावह होते हालात से निपटने के लिए विश्व गुरू बनने को आतुर देश के प्रधान मंत्री, अपने नागरिकों से कहें कि वह घंटी बजायें और थाली पीटें. वह कहें कि रात को 9 बजे अपने प्रकाशमान घरों को अंधेरा कर दें. और 9 मिटन के लिए मोमबत्ती व दीया जला लें.

तैयारी पर नहीं करते चर्चा

प्रधान मंत्री ने अब तक, जबसे कोरोना वायरस का संकट हमारे सरों पर मंडरा रहा है तब से देश को तीन बार संबोधित कर चुके हैं. इन तीनों बार के संबोधन में उन्होंने सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों का कभी उल्लेख नहीं किया. सरकार ने पंद्रह हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की. इस से पांच हजार करोड़ रुपये ज्यादा तो केरल के मुख्यमंत्री पिनारीय विजयन ने की. देश में अब तो करीब तीन हजार लोग कोरोना के संक्रमण के शिकार हो चुके हैं. लेकिन अस्पतालों में कितने बेड तैयार किये गये. कितने वेंटिलेटर उपलब्ध कराये गये. इस पर नरेंद्र मोदी देश से एक शब्द नहीं कह रहे. उन्होंने प्रधान मंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष के होते हुए पीएम केयर्स फंड बना डाला. लोग उसमें अरबों रुपये डाल चुके हैं. लेकिन इन पैसों का क्या इस्तेमाल हो रहा है इस पर कोई चर्चा नहीं करने वाला.

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तो क्या प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस वहम में हैं कि कोरोना संकट के इस दौर में देश को हिप्टोनइज किया जा सकता है. क्या वह यह महसूस कर रहे हैं कि जनता को हिप्नोटाइज करके उनके ध्यान को कोरोना वायरस की भयावह होती जा रही समस्याओं से हटा सकते हैं. जरा गौर से सोचिये.

जरूरी किट्स भी नहीं राज्यों के पास

जब मोदी ने जनता को संदेश देने के एक दिन पहले देश के मुख्यमंत्रियों से विडियो कांफ्रेंसिंग से बात की. इस महामारी से निपटने में उनकी समस्याओं को सुना. बिहार के मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि केंद्र सरकार से वेंटिलेटर की मांग की गयी. एक भी नहीं मिला. पांच लाख पीपीई किट मांगे गये पर राज्य को मात्र चार हजार किट मिले.दस लाख मास्क की मांग की गयी थी. मिले पचास हजार. जरा सोचिये. कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीज के लिए सबसे जरूरी है वेंटीलेटर. क्यों मरीजों के रिश्तेदार संडे को अपने तडपते मरीज को छोड़ कर दीया जलाना पंसद करेंगे या वेंटिलेटर चाहेंगे?

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उन डाक्टरों के बारे में सोचिये जो एनएमसीएच में आरएनए एक्सटेंशन किट नहीं मिलने पर अपनी मौत की संभावना जता रहे हैं. क्या वे डाक्टर दीया जला कर अपने अंदर ऊर्जा का संचार करके अपनी जान बचा लेंगे. दूसरी तरफ केवल दिल्ली में अब तक इलाज कर रहे आठ डाक्टर कोरोना संक्रमण के इसलिए शिकार हो गये कि उनके पास आवश्यक किट नहीं थे.

दर असल प्रधान मंत्री को मालूम है कि बुनियाद इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में देश की दयनीय स्थिति है. अगर वह तकनीकी साज सामान, अस्पताल की तैयारियों, कोरोना टेस्टिंग किट्स जैसे मुद्दों पर बात करेंगे तो वह बुरी तरह घिर जायेंगे. उन्हें पता है कि दुनिया का सुपर पावर अमेरिका अपने नागरिकों के लिए जरूरी स्वास्थ्य सुविधायें और वेटिंलेटर नहीं जुटा पा रहा. फ्रांस व ब्रिटेन जैसी बडे संसाधन सम्पन्न देश में आवश्यक उपकरणों की किल्लत हो रही है तो भारत इस मामले में कहां होगा इसकी कल्पना की जा सकती है.

अंधविश्वास व सम्मोहन

ऐसे में पीएम मोदी ने लोगों को अंधविश्वास की भक्ति में, हिप्नोटाइज करके उन्हें सरकार की कमियों से उनका ध्यान बटाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं. वह इस मामले में काफी हद तक सफल भी होंगे. क्योंकि उन्होंने अपने समर्थकों का एक बड़ा वर्ग तैयार कर रखा है. जो उनकी हर बात को दैविक वचन के रूप में ग्रहण करता है. लेकिन इक्कीसवी सदी का यह दौर वैज्ञानिक सोच से चलेगा. अंधविश्वास को बढ़ा कर, लोगों को हिप्नोटाइज करके हम उनके तर्क शक्ति की धार को तो कुंद कर सकते हैं पर कोरोना जैसी महामारी के संकट का सामना नहीं कर सकते.

By Editor


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