तेजस्वी यादव नीतीश कुमार से अपील की है कि बिना राशन कार्ड वाले लाखों लोगों को भी राशन व आर्थिक मदद पहुंचाई जाये.

कोरना संकट पर नीतीश कुरमार को बिना शर्त समर्थन करने की अपनी वचनबद्धता को निभाते हुए तेजस्वी यादव इन दिनों गरीबों व राशन के लिए बेहाल लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए लगातार देश की राज्य सरकारों के सम्पर्क में हैं.

तेजस्वी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र समेत दीगर राज्यों में फंसे बिहारी कामगारों की भरसक सहायता के अभियान में लगातार सक्रिय हैं. कई बार वह संकट में घिरे लोगों से सीधा सम्पर्क कर संबंधित राज्यों की सरसकारों से संवाद बना रहे हैं.

इसी क्रम में बिहार के उन करोड़ों लोगों की चिंता भी तेजस्वी हर पल कर रहे हैं जिन्हें राशन या आर्थिक सहायता राज्य सरकार तकनीकी कारणों से नहीं दे पा रही है.

तेजस्वी के प्रयास

तेजस्वी यादव की टीम महाराष्ट्र, हरियाण, पंजाब, दिल्ली व पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में फंसे बिहारी कामगारों से लगातार सम्पर्क में रही. इसटीम ने संबंधित राज्यों के अधिकारियों और कई बार वहां के मुख्यमंत्रियों से सम्पर्क साधा. उनके इस प्रयास से मुख्यमंत्रियों के लेवल पर डायरेक्ट बिहारी कामगारों को मदद मिली है.

गौरतलब है कि बिहार सरकर ने राज्य के एक करोड़ अडसठ लाख लोगों के खाते में एक एक हजार रुपये ट्रांस्फर करने का ऐलान किया था. साथ ही उन्हें मुफ्त राशन मुहैया करने की घोषणा की थी. लेकिन वैसे लाखों लोग भी हैं जो गरीबी रेखा से नीचे हैं लेकिन उनके पास लाल कार्ड नहीं है.

ऐसे में तेजस्वी यादव ने ट्विट कर नीतीश कुमार से आग्र करते हुए कहा- “माननीय मुख्यमंत्री @NitishKumar जी से आग्रह है कि प्रदेश में जीवन यापन के लिए दैनिक आय पर निर्भर रहने वाले करोड़ों असहाय ग़रीब लोगों का एक बड़ा वर्ग है जिनके पास राशन कार्ड नहीं है या जिनके नाम राशन कार्ड में नहीं हैं और पूर्व के लालकार्डधारी जिनका राशन कार्ड अभी बन नहीं पाया है।ऐसे गरीब लोगों को सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं और राशन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। अत: इन असहाय लोगों को राशन और आर्थिक मदद की व्यवस्था करना अनिवार्य है।

याद रहे कि पिछले 25 मार्च से देश भर में, कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन है. इस दौरान दैनिक कामगारों पर जबर्दस्त आर्थिक संकट आया है. जिससे निपटने के लिए सरकार के अलावा निजी संस्थाओ और व्यक्तियों द्वारा मदद की जा रही है. इसके बावजूद एक बड़ा वर्ग इन सुविधाओं से वंचित है.

By Editor