कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार पर केस करके खुद भाजपा उलझ गई है। अगर उन्हें जेल भेजा तो भाजपा को भारी नुकसान होगा।
कन्हैया कुमार ने एक टीवी इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संघी कहा। उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को आतंकवादी कहा। इसके बाद वह वीडियो वायरल हो गया। इस बीच रविवार को भाजपा मीडिया सेल के दानिश इकबाल ने कन्हैया के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की है। लोग कयास लगा रहे हैं कि क्या कन्हैया कुमार को नीतीश-भाजपा सरकार गिरफ्तार करेगी?
दरअसल अब तक भाजपा की रणनीति लालू यादव के शासन की याद दिलाते हुए खास जाति के खिलाफ अन्य जातियों को गोलबंद करना है। इस रणनीति पर भाजपा और नीतीश कुमार पिछले हर चुनाव में काम करते रहे हैं और उन्हें बहुत हद तक सफलता भी मिलती रही है। अब बिहार की राजनीति में कन्हैया कुमार के उतरने से पुरानी रणनीति उलझ गई है। पहले सिर्फ तेजस्वी यादव ही भाजपा पर हमला करते थे। अब कन्हैया ने खुल कर भाजपा और संघ पर हमला बोला, तो भाजपा ने जोश में आकर केस कर दिया। नतीजा यह है कि तेजस्वी को हमेशा कटघरे में खड़ा करने की रणनीति फंस गई है।
कन्हैया कुमार को निशाने पर लेने के कारण भाजपा की लालू यादव के बहाने खास जाति के खिलाफ गोलबंदी करने की रणनीति उलझ गई है। कन्हैया पर हमला करके, जेल भेज कर वह वही गोलबंदी नहीं कर सकती है, जो लालू यादव पर हमला करके करती रही है।
भाजपा के कन्हैया पर केस करने से अब साफ हो गया है कि उसे सिर्फ तेजस्वी यादव से ही नहीं, कन्हैया कुमार से भी लड़ना होगा। इसका नतीजा यह होगा कि तेजस्वी पर एकमात्र हमला नहीं कर पाएगी। कुल मिला कर कन्हैया के बिहार की राजनीति में उतरने से भाजपा, प्रशांत किशोर की परेशानी बढ़ी है और गठबंधन को लाभ हुआ है।