राममंदिर : आंबेडकर के पोते ने आमंत्रण ठुकराया, कहा आजादी खतरे में
राममंदिर : आंबेडकर के पोते ने आमंत्रण ठुकराया, कहा आजादी खतरे में। BJP-RSS पर किया जबरदस्त हमला। बताया बाबा साहेब ने क्या कहा था।
पूर्व सांसद व वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष तथा संविधान निर्माता डॉ भीमराम आंबेडकर के पोते प्रकाश वाई आंबेडकर ने अयोध्या में राममंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने के आमंत्रण को ठुकरा दिया है। उन्होंने मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय को पत्र लिखा है, जिसमें भाजपा और संघ पर जबरदस्त वैचारिक हमला किया है। उन्होंने डॉ. आंबेडकर के कथन को उद्धृत किया है, जिसमें संविधान निर्माता ने कहा था कि अगर राजनीतिक दलों ने धर्म को देश के ऊपर रखा, तो हमारी आजादी खतरे में पड़ जाएगी।
बाबा साहेब के पोते ने अपने पत्र में लिखा-कथित समारोह में मैं शामिल नहीं होऊंगा। मेरे शामिल न होने का कारण यह है कि बीजेपी और आरएसएस नहीं समारोह को हथिया लिया है। एक धार्मिक समारोह चुनावी फायदे के लिए एक राजनीतिक अभियान बन चुका है। मेरे दादा दादा डॉक्टर अंबेडकर ने चेताया था कि अगर राजनीतिक पार्टियों धर्म और पंथ को देश से ऊपर रखेंगे, तो हमारी आजादी दूसरी बार खतरे में आ जाएगी और इस बार शायद हम उसे हमेशा के लिए खो देंगे। आज यह डर सही साबित हो गया है। धर्म व पंथ को देश से ऊपर रखने वाली भाजपा आरएसएस अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस समारोह को हड़प चुकी है। पत्र के अंत में उन्होंने जय फुले, जय सावित्री, जय साहू, जय भीम लिखा है।
डॉ. आंबेडकर के पोते का यह पत्र सोशल मीडिया में खूब शेयर किया जा रहा है। इसके साथ ही स्पष्ट हो गया कि देश की दलित आबादी ने मोटे तौर पर राममंदिर उद्घाटन से खुद को अलग कर लिया है। डॉ. प्रकाश आंबेडकर से पहले महाराष्ट्र के प्रमुख दलों एनसीपी और ठाकरे की शिव सेना ने राममंदिर उद्घाटन से खुद को अलग कर लिया है। इस तरह लगभग सभी गैर भाजपा दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। अब यह कार्यक्रम भाजपा और उसके सहयोगियों का ही राजनीतिक कार्यक्रम हो कर रह गया है।