इस बार लोकसभा में न सिर्फ विपक्षी सांसदों की संख्या बढ़ी है, बल्कि महिला सांसदों की संख्या भी काफी बढ़ी है। पिछली बार कांग्रेस की सिर्फ छह महिला सांसद थीं, इस बार 13 पहुंच चुकी हैं। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की महिला सांसद पिछली बार 9 थीं, इस बार 11 हैं। इस बीच कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को केरल के वायनाड से प्रत्याशी बनाने का फैसला लिया है। उनकी जीत में किसी को संदेह नहीं हैं। वे लोकसभा पहुंचीं, तो कांग्रेस की महिला सांसदों की संख्या 14 हो जाएगी।

प्रियंका के वायनाड से चुनाव लड़ने की घोषणा से ही भाजपा बौखला गई है। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस को परिवारवाद की पार्टी कहा है, जबकि राजनीतिक हलके में माना जा रहा है कि लोकसभा में प्रियंका गांधी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने से चुनौती देंगी, तो वह देखने वाला नजारा होगा। अब तक वे सभाओं में प्रधानमंत्री मोदी को घेरती रही हैं।

पिछली लोकसभा में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा अकेली प्रधानमंत्री मोदी को घेर रही थीं। उन्होंने अडानी तथा प्रधानमंत्री के बीच के रिश्ते पर सवाल उठाया तो हंगामा हो गया। फिर उन्हें किस प्रकार संसद से बाहर किया गया, वह अलग कहानी है। इस बार फिर से महुआ मोइत्रा लोकसभा पहुंच गई हैं। वायनाड से प्रियंका गांधी भी पहुंचीं, तो सदन में महिला शक्ति की ताकत दिखेगी।

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इस बार जो प्रमुख विपक्षी महिला नेता लोकसभा पहुंची हैं उनमें महुआ मोइत्रा के अलावा कांग्रेस की कुमारी सेलजा, जो हरियाणा के दलित परिवार से हैं। संजना जाटव सिर्फ 25 वर्ष की हैं और राजस्थान की दलित परिवार से हैं। बिहार से मीसा भारती भी पहली बार लोकसभा में होंगी। उत्तर प्रदेश से डिंपल यादव के अलावा सपा की कई युवा महिला लोकसभा चुनाव जीत कर संसद पहुंची हैं।

सत्ता पक्ष के पास कई महिला सांसद हैं, लेकिन महुआ मोइत्रा और प्रियंका गांधी की तरह धारदार बोलने वाली महिला नेता नहीं हैं।

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By Editor


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