भारतीय राजनीति की तथाकथित गहन जानकारी रखने वाले प्रशांत किशोर कहां हैं, किसी को मालूम नहीं है। भारत का आम चुनाव संपन्न हो चुका है, परिणाम आ चुके हैं। सभी इस चुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। जिन्हें राजनीति का ज्ञान कम है, वो भी बोल रहे हैं, लेकिन प्रशांत किशोर क्यों चुप हैं। चुनाव के बीच में प्रशांत किशोर ने इंटरव्यू पर इंटरव्यू दिए थे। दावा किया था कि भाजपा को अकेले 300 से ज्यादा सीटें आ रही हैं। एक्जिट पोल ने भी उनके सुर में सुर मिलाया था।
बीच चुनाव 300 पार का दावा करने वाले का इस तरह गायब हो जाना उन्हें और भी ज्यादा संदिग्ध बनाता है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी चार सौ पार का नारा दे रहे थे, लेकिन वह नारा ज्यादा दिन नहीं चला। चौथा चरण आते-आते साफ दिखने लगा कि भाजपा बहुमत से दूर है। योगेंद्र यादव ने कई इंडटरव्यू दिए और चार सौ पार की हवा निकाल दी। उन्होंने कहा कि भाजपा को 240 से 260 के बीच सीटें आएंगे। भाजपा अकेले बहुमत नहीं ला रही है। उनकी बात का बहुत असर हुआ। ठीक उसी समय प्रशांत किशोर अचानक मीडिया में मुखर हो गए। ताबड़तोड़ कई इंटरव्यू दिए और दावा किया कि भाजपा को अकेले 300 सीटें या उससे ज्या सीटें मिल रही हैं।
प्रशांत किशोर वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से उलझ गए। उन्होंने बहुत असभ्य तरीके से चुनौती दी कि हिमाचल के बारे में उनकी भविष्यवाणी का वीडियो दिखाइए। नहीं दिखाने पर सार्वजनिक माफी मांगिए। करण थापर अखबारों में छपे उनके दावे को दिखा रहे थे। यहां तक कि प्रशांत किशोर के ट्वीट को भी दिखाया। करण थापर ने कहा था कि आप दावा कर रहे हैं कि भाजपा को 300 से ज्यादा सीटें आएंगे। आप अपने दावे को लेकर कितने आश्वस्त हैं। आपने कहा था कि हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस साफ हो जाएगी, जबकि कांग्रेस ने वहां सरकार बना ली। इस पर प्रशांत किशोर बोलने लगे कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा है। वीडियो दिखाइए।
————
NDA की जीत से पसमांदा में खुशी, नीतीश देश का करें नेतृत्व : प्रो मंसूरी
उसी समय अनेक लोगों को लगा था कि प्रशांत किशोर किसी खास एजेंडा के तहत ऐसा दावा कर रहे हैं। अब जबकि परिणाम आ गए हैं और एक बार फिर फिर से प्रशांत किशोर पूरी तरह गलत साबित हो चुके हैं, तो उन्हें खुद आ कर अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए, लेकिन वे तो सीन से ही गायब हो गए हैं। अब 2025 में बिहार में परिवर्तन कर देने के उनके दावे पर बड़ा सवाल लग गया है।